शक्ति रूपेण संस्थिता: वैष्णवी दुर्गा मंदिर खजरैठा
खगड़िया। खजरैठा पंचायत में दो सौ वर्ष से मां वैष्णवी दुर्गा की पूजा होती है। यहां शारीदय नवर
खगड़िया। खजरैठा पंचायत में दो सौ वर्ष से मां वैष्णवी दुर्गा की पूजा होती है। यहां शारीदय नवरात्र में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। दूर-दूर से श्रद्धालु और साधक आते हैं। यहां से आज तक कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटा।
वैष्णवी दुर्गा मंदिर खजरैठा के प्रधान पंडित मनोज कुंवर, आचार्य अर्जुन झा, पंडित पंकज शास्त्री, शिव शंकर पांडेय ने बताया कि मां की महिमा अपरंपार है। यहां जो भी भक्त सच्चे दिल से जो कुछ भी मांगते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
यहां दो सौ वर्षो से मां वैष्णवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। पहले फूस के मंदिर में पूजा-अर्चना होती थी। बाद में ईंट-खपरैल का मंदिर बना। 1958 ई. में जब पुराना डीह गंगा के कटाव में विलीन हुआ, तो मंदिर भी उसमें समा गया। 1959 ई. में लोग पुन: फूस का मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना शुरू की। आज यहां ग्रामीणों के सहयोग से भव्य मंदिर बना हुआ है। यहां नवग्रह पूजा की भी विशेष परंपरा है। पूर्व जिला परिषद सदस्य खजरैठा निवासी पंकज कुमार राय बताते हैं कि यहां की दस भुजा वाली वैष्णवी मां दुर्गा की आराधना करने से भक्त को हर संकट से मुक्ति मिलती है। नवमीं के दिन यहां कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नवमीं की रात्रि मंदिर परिसर में ब्राह्मण भोजन कराने की भी परंपरा है।
======
वास्तुकला
मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर दक्षिणमुखी है। यहां परबत्ता और भरतखंड होकर पहुंचा जा सकता है।
=======
कहते हैं पंडित
मंदिर के प्रधान पंडित आशीष झा ने कहा कि वैष्णवी माता की शक्ति अदभूत है। यहां से आज तक एक भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटा है।
=========
बोले मेला मालिक
मेला मालिक रजनीश कुमार राय ने कहा कि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत नहीं हो, इसको लेकर स्वयंसेवक की व्यवस्था की गई है। === ===