ऋण दिलाने के नाम पर ली खाते की पूरी जानकारी और कर लिया 99 करोड़ का लेनदेन
खगड़िया। बैंक से ऋण दिलाने के नाम पर ठगों ने जिले के रहिमा गांव के गरीबों से लिया पासबु
खगड़िया। बैंक से ऋण दिलाने के नाम पर ठगों ने जिले के रहिमा गांव के गरीबों से लिया पासबुक, आधार कार्ड, पैनकार्ड, एटीएम, मोबाइल का सिम और फिर उसी में से एक खाते से कर लिया 99 करोड़ रुपये का लेनदेन! खाताधारक शिकायत लेकर एसपी के पास पहुंचे तो पुलिस महकमा सतर्क सक्रिय हुआ। एसपी ने तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराकर अनुसंधान शुरू करा दिया है। आरोपितों में से दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जा रही है। हालांकि अभी पता नहीं चल पाया है कि इतनी बड़ी राशि का लेनदेन कहां-कहां हुआ है। एसपी ने तत्काल शाखा प्रबंधक को खाता फ्रिज करने को कहा है।
शनिवार को गंगौर ओपी अंतर्गत रहिमा गांव की की नूतन देवी, सावित्री देवी, पुनिता देवी, मीरा देवी, बलराम साह आदि ने एसपी से लिखित शिकायत की कि गाजीघाट सुम्भा के अशोक शर्मा, रहिमा की इंदु देवी और नीमा, चांदपुरा बेगूसराय के ¨प्रस कुमार ने उनलोगों को बैंक से ऋण दिलाने के नाम पर पासबुक, एटीएम, मोबाइल सिम, आधार कार्ड आदि लिया। साथ ही दो-चार सौ रुपये भी प्रति व्यक्ति से लिया। बात जुलाई की है। पूरा माह बीत गया पर उन लोगों ने ऋण संबंधी कोई जानकारी नहीं दी। इसके बाद लगा कि उनलोगों के साथ ठगी हुई है। इस बीच एक पीड़ित ने अपना पासबुक अपडेट कराया तो उसके खाते से पैसों का लेनदेन होता समझ में आया। फिर इसकी सूचना जलकौड़ा बैंक प्रबंधक को दी। परंतु उन्होंने कुछ नहीं किया। इसके बाद ठगी करने वालों में से एक ¨प्रस को पकड़कर गंगौर ओपी को सौंपा। परंतु अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो एसपी के पास फरियाद लेकर पहुंचे।
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लोगों ने ¨प्रस को पकड़कर सौंपा था। मगर प्राथमिकी दर्ज हेतु आवेदन नहीं दिया। उसपर बेगूसराय थाना में मामला दर्ज है, इसलिए बेगूसराय पुलिस को सौंप दिया। तब इतने बड़े लेनदेन की जानकारी भी नहीं मिली थी।
= गजेंद्र कुमार, ओपी अध्यक्ष, गंगौर।
कोट
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मामला गंभीर है। कई राज्यों में इस तरह के रैकेट चल रहे हैं। एक पीड़ित ने अपना एकाउंट दिखाया, जिससे 99 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ है। गंगौर ओपी अध्यक्ष को भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। आरोपितों में से दो अशोक और इंदु को हिरासत में ले लिया गया है। पूछताछ की जा रही है।
= मीनू कुमारी, एसपी खगड़िया।
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ग्रामीण समझ रहे ठगी हुई पर हो गए बड़े गिरोह के शिकार
ठगी की बात तो आपने सुनी होगी पर इसके नाम पर निजी जानकारी लेकर कोई उस खाते से ट्रांजेक्शन करने लगे ऐसा बहुत कम ही सामने आया है। हालांकि ग्रामीण अभी तक समझ रहे हैं कि वे ठगे गए हैं पर एक खाते के ट्रांजेक्शन से स्पष्ट है कि वे किसी ऐसे बड़े गिरोह के शिकार हुए हैं। ये मासूम ग्रामीण जब शिकायत करने एसपी के पास आए थे तब भी उन्हें नहीं पता था कि मामला कितना बड़ा है। वे समझ रहे थे कि उन्हें ऋण मिला नहीं और ठगी कर उनके खाते से पैसे निकाल लिए गए। पर वे यह नहीं समझ रहे थे कि पैसा ऋण का नहीं, कहीं और से आया था।
बहरहाल सवाल कई खड़े हैं। इतना पैसा कहां से आया और कहां गया इसका उद्देश्य क्या था? क्या इतना बड़ा लेनदेन किसी को इनकम टैक्स से बचाने के लिए यह गिरोह काम कर रहा था या हवाला जैसे धंधे से जुड़ा था? या फिर हथियारों या ड्रग्स आदि गलत धंधे से? लिहाजा ऐसा मामला आने पर पुलिस महकमा सतर्क और सक्रिय हो गया है।