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शहर के बलुआही विद्यालय में बांधे जाते हैं मवेशी

खगड़िया। दूर देहात के विद्यालय की बात तो छोड़ दें, शहर के प्राथमिक विद्यालय बलुआही में बच्च

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 09:45 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 09:45 PM (IST)
शहर के बलुआही विद्यालय में बांधे जाते हैं मवेशी
शहर के बलुआही विद्यालय में बांधे जाते हैं मवेशी

खगड़िया। दूर देहात के विद्यालय की बात तो छोड़ दें, शहर के प्राथमिक विद्यालय बलुआही में बच्चे की पढ़ाई के बजाय लोग मवेशी को बांधते हैं। हैरत भरी बात तो यह है कि कई दिनों पहले विद्यालय प्रधान प्रकाश पासवान ने मवेशी बांधने वालों पर कार्रवाई को लेकर अधिकारियों से पत्राचार किया, परंतु परिणाम ढाक का तीन पात ही निकला।

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दो साल पहले विद्यालय के तत्कालीन प्रधान द्वारा विद्यालय के कमरों को किराए पर लगा दिया गया था। डीएम के आदेश पर डीडीसी व एसडीओ द्वारा विद्यालय की जांच की गई। डीएम के आदेश के आलोक में तत्कालीन प्रधान पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई। उसके बाद भी इस विद्यालय भवन पर दबंगों का बोलबाला रहने के कारण यहां के शिक्षक व बच्चे परेशान हैं। वर्तमान विद्यालय प्रधान के अनुसार दो महीना पहले मवेशी मालिक पर कार्रवाई करने व मवेशी को हटाने को लेकर बीइओ तथा नगर कार्यपालक पदाधिकारी को लिखा गया। परंतु परिणाम शून्य ही निकला। विद्यालय के बरामदा पर मवेशी बांधे रहते हैं और कमरों में बच्चों को पढ़ाया जाता है। ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना कहां तक साकार हो पाएगी। इस विद्यालय में दो सौ से अधिक बच्चे नामांकित हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो जहां डीएम से लेकर डीइओ तक के आदेश को दरकिनार कर दिया जाता हो, वहां दबंगों के खिलाफ कार्रवाई कैसे हो पाएगी। तत्कालीन डीइओ के ज्ञापांक 490, दिनांक 2 अप्रैल 2016 को डीएम के आदेश के आलोक में नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को तत्कालीन विद्यालय प्रधान को निलंबित करने को लेकर लिखा गया था। बताया जाता है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद तत्कालीन विद्यालय प्रधान शशिभूषण कुमार द्वारा न्यायालय से जमानत ले ली गई। परंतु दो साल बाद भी निलंबन की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। हद तो यह हो गई कि विभागीय अधिकारी ने भी निलंबन की प्रक्रिया अपनाए बगैर इस विद्यालय से अन्यत्र उक्त प्रधान का तबादला कर दिया।

बहरहाल शहर की यह विद्यालय शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। नगर पार्षद रणवीर कुमार ने तत्कालीन विद्यालय प्रधान को निलंबित नहीं करने वाले तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की मांग की है।

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'मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में आए तथ्यों के आधार पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।'

सुरेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, खगड़िया।

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