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Khagaria News: बाइक और ट्रक की भिड़ंत में बुझ गए तीन घरों के चिराग, आधा घंटे तक कराहता रहा पीयूष

घटना के बाद पीयूष की मां ने गोगरी नगर परिषद से नगर पार्षद के पद पर नामांकन नहीं किया। उन्हें शुक्रवार की सुबह जैसे ही पीयूष की मौत की खबर मिली वे बेसुध हो गई। नामांकन की सारी तैयारी धरी की धरी ही रह गई।

By Amit JhaEdited By: Umesh KumarPublished: Fri, 16 Sep 2022 07:21 PM (IST)Updated: Sat, 17 Sep 2022 03:34 AM (IST)
Khagaria News: बाइक और ट्रक की भिड़ंत में बुझ गए तीन घरों के चिराग, आधा घंटे तक कराहता रहा पीयूष
सड़क हादसे में तीन की मौत। जागरण

खगड़िया, जागरण संवाददाता। दिल दहला देने वाले सड़क हादसे से हर कोई सन्न हैं। बाइक सवार तीन युवकों की मौत के बाद गोगरी जमालपुर में सन्नाटा पसर गया है। बाइक और ट्रक की भिड़ंत में तीन घरों के चिराग बूझ गए। मृतक पीयूष कुमार के घर नगर निकाय चुनाव को लेकर नामांकन की खुशी अचानक मातम में तब्दील हो गई।

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घटना के बाद पीयूष की मां ने गोगरी नगर परिषद से नगर पार्षद के पद पर नामांकन नहीं किया। उन्हें शुक्रवार की सुबह जैसे ही पीयूष की मौत की खबर मिली, वे बेसुध हो गई। नामांकन की सारी तैयारी धरी की धरी ही रह गई। पीयूष के साथ उसके मौसेरे भाई आयुष और पड़ोसी सुजल भी मौत की नींद सो गए। शुक्रवार का दिन काला साबित हुआ।

मृतक के पिता है दारोगा

मुफस्सिल थाना के पांच किलोमीटर के समीप एनएच-31 पर मानो शुक्रवार को मौत नाच रही थी। पीयूष के पिता पप्पू पासवान पटना के एक थाने में दारोगा के पद पर तैनात हैं। सुजल दो भाइयों में बड़ा था। सुजल के पिता सहरसा निवासी शंकर चौधरी टीवी, ट्रांजिस्टर आदि के मेकेनिक हैं।

मामा के घर रह रहा था युवक

सुजल बचपन से ही अपने मामा गोगरी जमालपुर के नवलकिशोर-पासवान टोला निवासी राजेश चौधरी के यहां रहता था। यहां रहकर ही वह पढ़ाई-लिखाई कर रहा था। घटना के बाद सदर अस्पताल पहुंचे मृतक पीयूष के पिता पप्पू पासवान की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ला रहा था।। मृतकों के स्वजनों के सदर अस्पताल पहुंचते ही कोहराम मच गया।

आधे घंटे तक कराहता रहा पीयूष

मृतक पीयूष के पिता ने खगड़िया एसपी को फोन कर पुलिस पर लापरवाही का आरोप भी लगाया। पप्पू पासवान ने खगड़िया एसपी अमितेश कुमार को फोन कर कहा कि घटना के बाद स्थानीय मुफ्फसिल थाना और मानसी थाना दोनों को सूचना दी गई। 112 इमरजेंसी नंबर पर भी फोन किया गया। कोई नहीं पहुंचे। लगभग आधे घंटे तक पीयूष और एक अन्य जख्मी कराहता रहा, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची। समय पर पुलिस पहुंचती तो हो सकता है जान बच जाती।


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