Move to Jagran APP

डीएपी नहीं है, अगर लेना है तो साथ में बीज भी खरीदो

महेशखूंट और आसपास का इलाका गेहूं मक्का की खेती को लेकर प्रसिद्ध है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 12:15 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 12:15 AM (IST)
डीएपी नहीं है, अगर लेना है तो साथ में बीज भी खरीदो
डीएपी नहीं है, अगर लेना है तो साथ में बीज भी खरीदो

संवाद सूत्र, महेशखूंट (खगड़िया): महेशखूंट और आसपास का इलाका गेहूं, मक्का की खेती को लेकर प्रसिद्ध है। खेती के महत्वपूर्ण समय में महेशखूंट बाजार से डीएपी और पोटाश गायब है। इससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पर रहा है। मदारपुर के किसान राजबलि यादव, नंद किशोर यादव, दयानंद यादव, समसपुर के अजीत चौधरी, राजेश चौधरी आदि ने बताया कि उर्वरक विक्रेताओं ने डीएपी और पोटाश को बाजार से गायब कर दिया है। कालाबाजारी कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि दुकानदार जब विनती के बाद मान जाते हैं, तो उनका कहना होता है कि बीज भी साथ में लेना होगा। तब डीएपी 1400 रुपये प्रति बोरी और पोटाश 1050-1100 प्रति बोरी देते हैं। रसीद भी नहीं देते हैं। विवशता में किसानों को अधिक कीमत पर खाद खरीदनी पड़ती है। तब डीएपी 1400 रुपये प्रति बोरी और पोटाश 1050-1100 प्रति बोरी देते हैं। रसीद भी नहीं देते हैं। विवशता में किसानों को अधिक कीमत पर खाद खरीदनी पड़ती है। कई किसानों ने कहा कि जबसे खगड़िया में नकली खाद के कारोबार का पर्दाफाश हुआ है तबसे डर भी लगता है, खाद असली है कि नकली। रबी के इस मौसम में खाद को लेकर किसान परेशान हैं। खासकर डीएपी को लेकर। सूत्रों के अनुसार बड़े दुकानदारों ने मिलकर डीएपी की किल्लत पैदा कर दी है। इस संबंध में गोगरी एसडीओ अमन खासकर डीएपी को लेकर। सूत्रों के अनुसार बड़े दुकानदारों ने मिलकर डीएपी की किल्लत पैदा कर दी है। इस संबंध में गोगरी एसडीओ अमन कुमार सुमन ने कहा कि खाद-बीज दुकानों पर छापेमारी की जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.