Khagaria Election Result 2019 : VIP मुकेश सहनी हुए निराश, कैसर रिकार्ड मतों से जीतकर दोबारा बने MP
खगडिय़ा से अब तक के जीत-हार के अंतर का रिकॉर्ड 2019 के चुनाव परिणाम ने ध्वस्त कर दिया। सर्वाधिक मतों से जीतने वाले रामशरण यादव के रिकॉर्ड को चौधरी महबूब अली कैसर ने तोड़ा है।
खगडिय़ा [जेएनएन]। खगडिय़ा लोकसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार एनडीए के लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर विजयी परचम लहराने में कामयाब रहे। जिला सूचना पदाधिकारी अमन पटेल ने बताया कि दो लाख 94 हजार 838 मतों से लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर विजयी रहे। उन्हें पांच लाख 40 हजार 222 मत प्राप्त हुआ। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी महागठबंधन के वीआइपी प्रत्याशी मुकेश सहनी को 2 लाख 54 हजार 184 वोट मिला।
कैसर ने तोड़ा जीत का रिकार्ड
खगडिय़ा लोकसभा क्षेत्र से अब तक के जीत-हार के अंतर का रिकॉर्ड 2019 के चुनाव परिणाम ने ध्वस्त कर दिया। सर्वाधिक मतों से जीतने वाले रामशरण यादव के रिकॉर्ड को चौधरी महबूब अली कैसर ने तोड़ा है। इस बार कैसर ढाई लाख से अधिक मतों से विजयी रहे। उन्होंने वीआइपी के मुकेश सहनी को कड़ी शिकस्त दी। मालूम हो कि 1952 से लेकर 2014 तक सबसे अधिक मतों से जीतने वाले सांसद रामशरण यादव थे।
रामशरण यादव ने वर्ष 1991 के चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी डॉ. विमला राय को एक लाख 53 हजार 221 मतों से हराया था। वे दोबारा सांसद बने थे। इसके पूर्व 1989 में रामशरण यादव एक लाख 36 हजार 522 मतों से जीत दर्ज की थी। वहीं खगडिय़ा में अब तक सबसे कम मत से जीत दर्ज करने वाले सांसद शिवशंकर प्रसाद रहे। जिन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुमित्रा देवी को मात्र 548 मतों से पराजित किया था। बात 1971 के लोकसभा चुनाव की है।
इस बार 59 प्रतिशत हुआ था मतदान
2019 के लोकसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 16,53,928 थी। पुरुष मतदाता 8,73,363, महिला मतदाता 7,80,525 और थर्ड जेंडर 40। कुल 1714 मतदान केंद्र थे। 23 अप्रैल को तृतीय चरण में चुनाव हुए। मतदान प्रतिशत 59 रहा।
2014 में जदयू से लोजपा ने छीनी थी खगडिय़ा सीट
खगडिय़ा लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान का गृह जिला है। और वर्ष 2014 में लोजपा ने जदयू से खगडिय़ा लोकसभा सीट छीनी। चौधरी महबूब अली कैसर कांग्रेस को छोड़कर लोजपा में आए और प्रत्याशी बनकर जदयू से यह सीट छीन ली। उस समय भी भाजपा और लोजपा के साथ थी। जबकि जदयू को सीपीआइ का साथ था। मैदान में राजद की कृष्णा कुमारी यादव भी थीं और उन्हें दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। 2014 में लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर खगडिय़ा लोकसभा से विजयी हुए।
एक नजर खगडिय़ा लोकसभा क्षेत्र पर
खगडिय़ा लोकसभा क्षेत्र में छह विधान सभा क्षेत्र आते हैं। इसमें चार विस खगडिय़ा जिले के खगडिय़ा सदर, परबत्ता, अलौली (सुरक्षित) व बेलदौर हैं, तो पांचवां सहरसा का सिमरी बख्तियारपुर व छठा विस क्षेत्र समस्तीपुर जिले का हसनपुर है। 1957 में खगडिय़ा लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। यहां पहला सांसद बनने का गौरव कांग्रेस के जियालाल मंडल को मिला।
1962 में भी जियालाल मंडल की ही जीत हुई थी। लेकिन 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कामेश्वर ङ्क्षसह ने जीत का स्वाद चखा। जबकि 1971 के चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी के ही शिवशंकर यादव विजयी हुए थे। 1977 की जनता पार्टी लहर में बीएलडी के ज्ञानेश्वर प्रसाद यादव भारी मतों से विजयी रहे थे। तीन साल बाद 1980 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सतीश सिंह की जीत हुई थी। 1984 में कांग्रेस के चन्द्रशेखर प्रसाद वर्मा जीते। 1989 व 1991 में जनता दल के रामशरण यादव जीते। जबकि 1996 में जनता दल के अनिल कुमार यादव ने विजयी परचम लहराया। 1998 में समता पार्टी से शकुनी चौधरी विजयी हुए। इसके एक साल बाद 1999 के चुनाव में जदयू की रेणु कुमारी की जीत हुई थी। जबकि 2004 में राजद के रवीन्द्र कुमार राणा, 2009 में जदयू से दिनेशचन्द्र यादव और 2014 में एनडीए गठबंधन के लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर की जीत हुई।
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