ऑन द स्पॉट: मध्याह्न भोजन में फल के नाम पर दी जाती है लीची
खगड़िया। जिले के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में से एक है गोगरी सर्किल नंबर-एक, यहां ग्रीष्मावकाश
खगड़िया। जिले के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में से एक है गोगरी सर्किल नंबर-एक, यहां ग्रीष्मावकाश के बदले बाढ़ का अवकाश दिया जाता है। लेकिन, यहां के अधिकांश विद्यालयों के शिक्षक ग्रीष्मावकाश ही समझ रहे हैं। अटपटे भूगोल के कारण अधिकारी भी प्राय: इधर झांकने नहीं आते हैं। इसका फायदा शिक्षक उठाते हैं। सूत्रों की माने तो गोगरी सर्किल नंबर-एक में आधे दर्जन ऐसे शिक्षक हैं, जिनका काम क्षेत्र के प्रधानाध्यापकों से संपर्क साध कर उनका सारा काम बीआरसी से जिला तक कराना है। मैरा मुखिया अमरजीत यादव के अनुसार गोगरी सर्किल नंबर-एक में भगवान भरोसे शिक्षा व्यवस्था है। अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है।
मैरा पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय शिशबन्नी में शुक्रवार को 10.30 बजे बरामदे पर लगभग 25 विद्यार्थी को
रसोइया भात खिला रही थी। छात्रों ने बताया कि साढ़े नौ बजे लीची मिली थी। मालूम हो कि शुक्रवार को मध्याह्न भोजन में अंडा अथवा कोई एक फल देना है। फल की कीमत पांच रुपये के आसपास होनी चाहिए। लेकिन यहां लीची देकर इतिश्री कर ली गई। प्रधानाध्यापक मो. खुर्शीद अहमद रहमानी के साथ शिक्षक कुमार ऋषि व प्रमोद कुमार चौरसिया कार्यालय में बैठे थे। बताया गया कि वे तीन ही लोग यहां कार्य करते हैं। वर्ग एक से दशम तक में नामांकित छात्र- छात्राओं की संख्या 350 है। शिक्षक नहीं रहने के कारण वर्ग नवम व दशम का संचालन वर्ष 2016 से नहीं हो रहा है। शुक्रवार को वर्ग एक से आठ तक में उपस्थिति 153 दिखाई गई थी। जबकि उपस्थिति 25 से अधिक नहीं थी। चारो तरफ गंदगी का अंबार था।
वहीं प्राथमिक विद्यालय महात में 10.40 बजे प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार उपस्थित थे। जबकि शिक्षक संजय भारती गायब मिले। नामांकित 86 में 65 की उपस्थिति बनाई गई थी। जबकि वास्तविक उपस्थिति 29 मात्र थी।
जबकि पकरैल पंचायत के प्राथमिक विद्यालय उदयपुर में 11 बजे ही ताला बंद हो गया था।
इस संदर्भ में डीइओ सुरेश साहु ने बताया कि मामले की जांच होगी। अनियमितता बरतने वाले शिक्षकों को बख्सा नहीं जाएगा।
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