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कुणाल की सलाह को मुख्यमंत्री भी देते हैं तरजीह

खगड़िया। जिले के मथुरापुर गांव निवासी कुणाल कुमार ¨सह ने अपनी कलम की धार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना मुरीद बना लिया है। वे कुणाल कुमार ¨सह द्वारा सुझाए गए सुधार की गुंजाइश पर गौर करते हुए विभागीय अधिकारियों से उस दिशा में अमल भी करवाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 09:31 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 09:31 PM (IST)
कुणाल की सलाह को मुख्यमंत्री भी देते हैं तरजीह
कुणाल की सलाह को मुख्यमंत्री भी देते हैं तरजीह

खगड़िया। जिले के मथुरापुर गांव निवासी कुणाल कुमार ¨सह ने अपनी कलम की धार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना मुरीद बना लिया है। वे कुणाल कुमार ¨सह द्वारा सुझाए गए सुधार की गुंजाइश पर गौर करते हुए विभागीय अधिकारियों से उस दिशा में अमल भी करवाते हैं। भारत स्वच्छ मिशन तथा लोहिया स्वच्छता योजना के तहत शौचालय निर्माण के बाद टंकी की सफाई को लेकर कुणाल की सलाह पर सीएम विभागीय अधिकारी को नीति बनाने का आदेश दे चुके हैं।

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मालूम हो कि कुणाल ने सीएम को गांव-घरों में बनाए जा रहे शौचालय निर्माण बाद टंकी की साफ-सफाई में आने वाली दिक्कत से अवगत कराया। कुणाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि योजना के तहत बने शौचालय मात्र चार पाट का बनाया जा रहा है। इतने कम पाट की गहराई वाले शौचालय बहुत जल्द भर जाएगा। लेकिन,

संकीर्ण गलियों में बनाए गए शौचालयों की टंकी तक साफ-सफाई को लेकर सेफ्टी टैंक नहीं पहुंच पाता है। जिससे कुछ ही दिनों बाद ये शौचालय बेकार पड़ जाएगा। जब तक टंकी की सफाई के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की जाएगी तब तक ग्रामीण क्षेत्र सहित नगर निकायों में भी हजारों शौचालय बेकार हो जाएंगे। कुणाल ने मुख्यमंत्री को सुझाया कि शौचालय टंकी

की सफाई के लिए छोटे-मोटे सेफ्टी टैंक की व्यवस्था की जाए, तो संकरी गलियों तक आसानी से पहुंच जाए। सीएम नीतीश कुमार कुणाल की बात से सहमत हुए और विभागीय अधिकारी को शीघ्र नीति बनाने के आदेश दिए। कुणाल के सुझाव पर ही पंचायत शिक्षक नियोजन इकाइयों द्वारा की जा रही गड़बड़ी पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष

2008 में द्वितीय शिक्षक नियोजन में उप निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने आदेश जारी कर प्रखंड स्तर पर कॉउंस¨लग की व्यवस्था कराई। वर्ष 2009-2010 में कुणाल के सुझाव पर उप कृषि निदेशक, वैंकटेश नारायण ¨सह ने मक्का में दाना नहीं आने की शिकायत पर प्रभावित किसानों को दस हजार रुपये देने का आदेश जारी किया। कुणाल ने बताया कि पहले आय, जाति, आवासीय आदि प्रमाण पत्र बनाने में प्रखंड से जिला स्तर पर 63 लगते थे। लेकिन उनकी सुझाव पर अब 33 दिनों में ही जिला स्तर से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है।


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