व्यापारियों के हाथों धान बेचने को हैं विवश
खगड़िया। धान अधिप्राप्ति की लचर व्यवस्था के कारण किसान परेशान हैं। कई किसान लाचारी में दल
खगड़िया। धान अधिप्राप्ति की लचर व्यवस्था के कारण किसान परेशान हैं। कई किसान लाचारी में दलालों के हाथों धान बेचने को विवश है। कई किसानों ने कहा कि क्या करें, कहां धान बेंचे। किसानों में व्यवस्था की प्रति नाराजगी दिखी।
तीन बीघा में धान की फसल लगाई थी। कर्ज लेकर खेती की। अच्छी उपज हुई है। परंतु, पैक्स पर धान नहीं लिया जा रहा है। विवश होकर व्यापारियों के यहां ही बेचना पड़ेगा।
-शुभुकलाल पंडित, गौड़ाशक्ति
धान क्रय केंद्र समय पर चालू नहीं हुआ। अब व्यापारियों के यहां ही उपज बेचना होगा। क्रय केंद्र पर धान देने से वाजिब कीमत मिलती।
- सुनीता देवी, गौड़ाशक्ति
धान 1175 रुपये क्विंटल व्यापारी के यहां बेच दिया। लगभग 70-75 मन धान की बिक्री किए हैं। सरकारी स्तर पर धान अधिप्राप्ति कार्य नहीं होने के कारण विवशता में व्यपारी के यहां धान बेचना पड़ा। क्योंकि, रबी की खेती करनी है। खाद- बीज खरीदना है।
-विनोद कुमार ¨सह, रांको
पैक्स में धान नहीं लिए जा रहे हैं। इस कारण कम दामों में ही सही व्यापारी के यहां बेच दिए। कब तक पैक्स का इंतजार करते।
-शिवनंदन यादव, रांको
धान की खरीदारी को लेकर विधिवत शुरुआत एक सप्ताह पूर्व ही हुई है। परंतु, किसानों से अब तक धान की खरीदारी शुरु नहीं की गई है।
-आशीष कुमार, गौड़ाशक्ति
पैक्स में धान की खरीदारी बंद है। इससे किसानों को परेशानी होती है। किसान औने- पौने दामों में धान बेचने को विवश हैं।
-धर्मवीर कुमार, गौड़ाशक्ति
धान अधिप्राप्ति का कार्य चल रहा है। जिस किसान को कोई कठिनाई है, वे अपनी समस्या को रख सकते हैं।
-जितेंद्र कुमार, पैक्स अध्यक्ष, गौड़ाशक्ति