अच्छे मानसून की भविष्यवाणी ने बढ़ाई तटवर्ती ग्रामीणों की ¨चता
किशनगंज। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में आपदा के प्रकोप से प्रतिवर्ष हजारों परिवार तबाह होते है। कभी इंद
किशनगंज। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में आपदा के प्रकोप से प्रतिवर्ष हजारों परिवार तबाह होते है। कभी इंद्रदेव तो कभी अग्निदेव कहर बरपाते हैं। इसके चलते जहां लोगों को बाढ़ व कटाव की तबाही का सामना करना पड़ता है। बीते वर्ष सैकड़ों परिवार बाढ़ से तबाह हुए। बाढ़ व कटाव से सबसे ज्यादा नुकसान भोरहा, झुनकी मुसहरा, चिल्हनिया, हवाकोल, मटियारी व डाकपोखर आदि छह पंचायतवासियों को उठाना पड़ा। प्रखंड क्षेत्र के रेतुआ व कनकई नदियों ने कई गांवों में जमकर तबाही मचाई, जिससे कई पक्का मकान, सैकड़ों टीन के छप्पड़ के घर व उपजाऊ भूमि इन नदियों में विलीन हो गए। चूंकि मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष अच्छी मानसून की उम्मीद की जा रही है तो बाढ़ आना स्वाभाविक है। इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता। यहां के बुद्धिजीवियों का मानना है कि आपदा आने से पूर्व ही सरकार प्रबंधन की दिशा में अभी से ठोस कदम उठाए। बाढ़ से प्रभावित गांवों में जल्द तटबंध का निर्माण हो। कनकई व रेतुआ नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों में ¨चता का माहौल दिख रहा है। पुल-पुलिया अब तक दुरुस्त नहीं कराए गए हैं। टेढ़ागाछ प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में सैकड़ों परिवार विस्थापन का दर्द झेल रहे हैं। यहां के प्रबुद्धजनों का मानना है कि बाढ़ से प्रभावित गांवों को कटाव से बचाव के लिए पूर्व से ही समुचित व्यवस्था की जाए। मटियारी पंचायत के कुरराटोली सहित कई मुख्य मार्ग आज भी बाधित दशा में हैं।