रेलवे की जमीन पर निरंजन ने लगा दिया बाग
खगड़िया। निरंजन ने स्कूल से भागकर रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर सैकड़ों फलदार पौधे लगाए। ये पौधे अब वृक्ष का रूप ले चुके हैं। कीमती वृक्षों को आसपास के दबंग उजाड़ने में लगे हैं। दबंगों के कृत से परेशान निरंजन वृक्ष का बचाने को लेकर अधिकारियों के यहां गुहार लग रहे हैं।
खगड़िया। निरंजन ने स्कूल से भागकर रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर सैकड़ों फलदार पौधे लगाए। ये पौधे अब वृक्ष का रूप ले चुके हैं। कीमती वृक्षों को आसपास के दबंग उजाड़ने में लगे हैं। दबंगों के कृत से परेशान निरंजन वृक्ष का बचाने को लेकर अधिकारियों के यहां गुहार लग रहे हैं।
मालूम हो कि महेशखूंट बाजार निवासी निरंजन कुमार ने वर्ष 1984 के आसपास महेशखूंट रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर सघन पौधरोपण किया। उन्होंने सैकड़ों की संख्या में आम, लीची, शरीफा, जामुन आदि के पौधे लगाए। जो अब फलदार वृक्ष बन चुके हैं। निरंजन ने इन पौधों को दिन-रात एक कर ¨सचा और ये आज छतनार वृक्ष बन चुके हैं। अब इस पर कुछेक दबंगों की नजर पड़ गई है। वे बीच-बीच में तैयार पेड़ काट ले जाते हैं। फल भी जबरदस्ती तोड़ ले जाते हैं। निरंजन इसको लेकर रेलवे अधिकारियों के पास गुहार लगाकर थक चुके हैं। परंतु, रेल अधिकारी उनके पर्यावरण प्रेम की सराहना करते हैं, लेकिन निरंजन के लगाए बाग की सुरक्षा को लेकर अब तक कोई प्रयास नहीं हुआ है। निरंजन आज कपड़े की फेरी कर परिवार का गुजर-बसर करते हैं, परंतु रेलवे की परती जमीन पर लगाए गए बाग को लेकर सदा ¨चतित रहते हैं। निरंजन कहते हैं- इस बाग को बचाने को लेकर अंतिम दम तक संघर्ष जारी रखेंगे। जबकि रेल थानाध्यक्ष महेशखूंट शिव शंकर साह ने कहा कि यह रेलवे की संपत्ति है। सुरक्षा की जिम्मेवारी रेलवे की है। अगर कोई शिकायत करेंगे, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।