बेलदौर-पीरनगरा पथ की नहीं बदली सुरत, गर्म है वोटरों के तेवर
खगड़िया। प्रखंड मुख्यालय को एनएच 107 से जोड़ने वाली बेलदौर -पीरनगरा आरईओ पथ जीर्णोद्वार की
खगड़िया। प्रखंड मुख्यालय को एनएच 107 से जोड़ने वाली बेलदौर -पीरनगरा आरईओ पथ जीर्णोद्वार की मांग को लेकर यहां के मतदाता वर्षो से संघर्ष करते रहे हैं। दिनोंदिन उक्त पथ जर्जर होती जा रही है। लेकिन, इस पथ का सुधि लेने वाला कोई नेता सामने नहीं आ रहे हैं। इसको लेकर जनता इस चुनाव में उम्मीदवारों को घेरने के मूड में है। इस दफा खगड़िया लोकसभा से चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों को जनता की समस्या से रूबरू होना पड़ेगा। पथ से गुजरने वाले राहगीर पथ की जर्जरता को देख उफ कहने को विवश हो रहे हैं। कहने को सात किलोमीटर लंबी इस पथ को चार पहिया वाहन के द्वारा तय करने में कम से कम दो घंटे का समय लगता है। वह भी भगवान भरोसे। जबकि उधहा बासा, सोनमाबासा, शेरबासा, गिरजापुर, फरेबा, खर्रा बासा के हजारों ग्रामीणों के आवागमन का मुख्य साधन यही जर्जर पथ है। महिनाथ नगर, माली, कैंजरी, पीरनगरा के करीब 30 हजार लोग इस पथ की जर्जरता को देखकर कई वर्षो से पनसलवा-बेलदौर पीडब्ल्यूडी पथ होकर आना जाना पसंद करते हैं। जिसमें यात्री को अतिरिक्त 20 से 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। पीरनगरा के रामवृक्ष यादव ने बताया कि अगर पीरनगरा के ग्रामीणों को बेलदौर जाना होता है तो यात्री सात किलोमीटर दूरी तय न कर पनसलवा-बेलदौर पीडब्ल्यूडी पथ होकर दोगुनी दूरी तयकर बेलदौर आना-जाना पसंद करते हैं। उल्लेखनीय है कि 2002 में तत्कालीन सांसद डॉ. आरके राणा की अनुशंसा पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत उक्त पथ में कालीकरण हेतु 2 करोड़ 75 हजार रुपए की लागत से एनबीसीसी एजेंसी को कार्य करने दिया गया था। लेकिन महज कुछ ईंट पत्थर बिछाकर कार्य एजेंसी कार्य को बंद कर फरार हो गया। जिस कारण 17 वर्ष गुजरने के बाद भी आज तक पथ की सुरत नहीं बदल पाई।
क्या कहते हैं अधिकारी
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता कुलानंद यादव ने कहा कि पथ के संवेदक एनबीसीसी कार्य को अधूरा छोड़ दिया है। पथ के संवेदक को ब्लैकलिस्टेट कर दिया गया है। पथ का रिवाइज स्टीमेट तैयार कर स्वीकृति के लिए वित्त विभाग को भेजा गया है।