ओलावृष्टि ने किसानों के सपनों पर किया तुषारापात, मिलेगा मुआवजा
खगड़िया। मौसम की मार से किसान बेहाल हैं। बीते मंगलवार को हुई ओलावृष्टि ने किसानों के
खगड़िया। मौसम की मार से किसान बेहाल हैं। बीते मंगलवार को हुई ओलावृष्टि ने किसानों के सपने पर तुषारापात कर दिया है। यूं तो संपूर्ण जिले इसकी चपेट में आया, परंतु गोगरी और परबत्ता प्रखंड इससे सर्वाधिक प्रभावित हुआ। मालूम हो कि गोगरी और परबत्ता प्रखंड व्यवसायिक खेती का हब माना जाता है। गोगरी प्रखंड का बौरना गांव 'मेंगो गांव' के नाम से विख्यात है। जबकि गौछारी, खटहा का इलाका पपीता और पान की खेती को लेकर विख्यात है। दूसरी ओर परबत्ता प्रखंड केला की खेती को लेकर प्रसिद्ध है।
ओलावृष्टि से गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। जबकि मक्का को भी नुकसान पहुंचा है। मालूम हो कि गेहूं की फसल पककर तैयारी थी, लेकिन ओलावृष्टि ने सबकुछ बर्बाद कर दिया।
गौछारी के किसान सूर्यदेव कुमार कहते हैं- तीन बीघे से अधिक में गेहूं फसल पककर तैयार थी। मजदूर नहीं मिलने के कारण कटाई नहीं कर सके थे। एकाएक ओलावृष्टि सबकुछ तबाह कर दिया।
धीरेंद्र सिंह और राजकुमार प्रसाद कहते हैं, मक्का पकने की स्थिति में है। मंगलवार को हुई भयानक ओलावृष्टि ने मक्के की फसल को भी चौपट कर दिया। मक्का किसान राकेश सिंह, विपिन शर्मा, सुरेंद्र सिंह आदि कहते हैं, बीते वर्ष ठंड के कारण फसल बरबाद हुई, इस दफा ओलावृष्टि ने तबाह कर दिया। गोगरी बीएओ राजेश कुमार के अनुसार गोगरी सर्किल नंबर- एक के पंचायतों के अलावा महेशखूंट, पसराहा आदि में भयानक ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हुई है। आकलन किया जा रहा है।
कोट
' पटना बात हुई है। रिपोर्ट भेजी जा रही है। जिन किसानों की ओलावृष्टि से फसल नष्ट हुई है उन्हें क्षतिपूर्ति मुआवजा दिया जाएगा। ऑन लाइन आवेदन करना होगा।'
दिनकर प्रसाद सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी।