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बागमती किनारे गूंजा 'हम फूल नहीं चिगारी हैं, भारत की नारी हैं'

खगड़िया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शहर से लेकर सुदूर गांव-देहात तक में कार्यक्रम आयोि

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 05:54 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 05:54 PM (IST)
बागमती किनारे गूंजा 'हम फूल नहीं चिगारी हैं, भारत की नारी हैं'
बागमती किनारे गूंजा 'हम फूल नहीं चिगारी हैं, भारत की नारी हैं'

खगड़िया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शहर से लेकर सुदूर गांव-देहात तक में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर फरकिया के बागमती नदी किनारे अवस्थित सोनमनकी सामुदायिक भवन परिसर में विभिन्न गांवों से जुलूस निकालकर महिलाएं पहुंची और एकजुटता का इजहार किया। यहां मधुरा मुसहरी, सूरजनगर, नवटोलिया और सोनमनकी से महिलाएं जुलूस निकालकर एकत्रित हुई। यहां से महिलाएं समता और ग्राम विकास समिति के बैनर तले नारेबाजी करते हुए सोनमनकी बाजार का भ्रमण किया। इस अवसर पर 'हम फूल नहीं चिगारी हैं, भारत की नारी हैं,''महिलाओं पर अत्याचार बंद करो,' 'अब न सहेंगे अत्याचार लेकर रहेंगे अपना अधिकार' के नारे से वातावरण गूंजायमान हो उठा। जुलूस का नेतृत्व समता की मधुमाला और ग्राम विकास समिति के सोनमा देवी, मनोरमा देवी, चंदुला देवी, अनिता देवी, सुनिता देवी, शशिकला देवी, रीना देवी, अंजू देवी, फूलपरी देवी आदि कर रहे थे। इस मौके पर आयोजित सभा को समता के प्रेम कुमार वर्मा, ब्रजभूषण झा, नरेंद्र कुमार सिंह 'वंशी' आदि ने भी संबोधित किया।

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इस अवसर पर प्रेम कुमार वर्मा ने कहा कि आज भी शहर से लेकर गांव-देहात तक में महिलाएं हिसा का शिकार हो रही है। जब महिलाएं संगठित होकर आवाज उठाएंगी, तो महिला हिसा पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि अपने अधिकार को लेकर संघर्ष करना होगा। गांव-गांव में संगठन बनाकर यह लड़ाई लड़नी होगी। महिला अधिकार को रोजी-रोजगार से जोड़ना होगा।


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