लोक शिकायत के पहल पर पांच साल पुराने मामले का अनुसंधान पूर्ण
लखीसराय। पुलिस की शिथिलता का एक और मामला सामने आया। गिरफ्तारी जब्ती तो दूर पांच साल में अनु
लखीसराय। पुलिस की शिथिलता का एक और मामला सामने आया। गिरफ्तारी जब्ती तो दूर पांच साल में अनुसंधान तक पूर्ण नहीं हो सका है। ऐसा ही एक मामला लोक शिकायत निवारण केंद्र में सामने आया है। मामला सामने आने के बाद लोक शिकायत अधिकारी के पहल पर पांच साल के बाद ही सही पुलिस ने दुर्घटना में मौत मामले का अनुसंधान पुर्ण कर न्यायालय को समर्पित किया। दरअसल खगड़िया के चन्द्रनगर रांको गांव निवासी टूना यादव ने बीते आठ नवंबर को शिकायत की थी कि गोगरी थाना कांड संख्या 251-13 दिनांक 24-11-2013 धारा-279/337/338/304 (ए) भदवि सड़क दुर्घटना मामले का सूचक हैं। उक्त मामले में गाड़ी चालक की ओर से लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण गाड़ी गढ्ढे में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमे टूना यादव के भाई की मौत उक्त घटना में हो गई। परंतु गोगरी पुलिस घटना के पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी पुलिस पदाधिकारी गोगरी की ओर से उक्त वाहन के मालिक व चालक पर कार्यवाही नहीं की गई। जिसे लोक शिकायत अधिकारी ने धानाध्यक्ष, गोगरी को नोटिस निर्गत कर सुनवाई की प्रथम तिथि आठ नवंबर को होने व घटना की स्थिति स्पष्ट करने को कहा। जिसपर थानाध्यक्ष, गोगरी ने प्रतिवेदन समर्पित कर जानकारी दी कि घटना में अप्राथमिक अभियुक्त चालक आनंद कुमार गुप्ता पिता स्व. पन्ना लाल गुप्ता, सा. इमतितर जमालपुर की गिरफ्तारी के लिए सूचना संकलन कर छापेमारी की जा रही है। कांड अनुसंधान अंतर्गत होने की बात कही गई । पुन: छह दिसंबर को सुनवाई के दौरान थानाध्यक्ष, गोगरी के प्राधिकृत प्रतिनिधि सअनि मो. नसीर ने प्रतिवेदन देकर जानकारी दिया कि अप्राथमिक अभियुक्त न्यायालय की ओर से जमानत पर मुक्त किया गया। कांड अनुसंधान अंतर्गत है। पुलिस की टाल मटोल की स्थिति देख लोक शिकायत अधिकारी ने अंतरिम आदेश में थानाध्यक्ष, गोगरी को आदेश दिया गया कि अनुसंधान पूर्ण कर न्यायालय में भेजे। कारण कि उक्त मामला वर्ष 2013 का है। कांड अनुसंधान अंतर्गत अब तक कैसे है। थानाध्यक्ष ने प्रतिवेदन दकरे जानकारी दिया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन जब्त कर लिया गया है। उक्त वाहन के चालक अप्राथमिकी अभियुक्त आनंद कुमार गुप्ता, दुर्घटना कारित वाहन का मालिक जमानत पर मुक्त किया गया है । तथा कांड का अनुसंधान पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित कि जा चुकी है। लोक शिकायत अधिकारी मो. शफीक अहमद ने बताया कि अनुसंधान पत्र न्यायालय में पांच साल बाद समर्पित हुआ। आवेदक ने इसकी पुष्टि भी न्यायालय से कर ली है। इसलिए वाद की कार्रवाई समाप्त की गई।