खंडहर में तब्दील हुआ पशु अस्पताल पकरैल
खगड़िया । गोगरी सर्किल नंबर-एक के लोगों की जीविका का मुख्य साधन कृषि और पशुपालन है। लेि
खगड़िया । गोगरी सर्किल नंबर-एक के लोगों की जीविका का मुख्य साधन कृषि और पशुपालन है। लेकिन यहां एक अदद पशु अस्पताल नहीं रहने से पशुपालकों को भारी परेशानी से गुजरना पड़ता है। वे पूर्ण रूप से झोलाछाप पर निर्भर हैं। मालूम हो कि गोगरी सर्किल नंबर-एक में सात पंचायत अवस्थित हैं। बता दें कि 24 पंचायतों वाले गोगरी प्रखंड में
चार प्रथम श्रेणी पशु अस्पताल है। जो क्रमश: गोगरी, महेशखूंट, शेरगढ़ व पकरैल में है। लेकिन पशु चिकित्सक केवल दो हैं। पशु चिकित्सक डॉ. श्रीदेव महेशखूंट में पदस्थापित हैं और पकरैल के प्रभार में हैं। वहीं डॉ. निर्मल कुमार गोगरी में पदस्थापित हैं और शेरगढ़ के प्रभार में हैं।
मालूम हो कि पकरैल व मैरा पंचायत की सीमा पर सड़क किनारे अवस्थित पशु अस्पताल आज खंडहर बन चुका है। लगभग तीन दशक पूर्व यह अस्पताल गोगरी सर्किल नंबर- एक के पशुपालकों के लिए वरदान था। भूदाता मिलिद झा, ग्रामीण केदार प्रसाद सिंह, राजेश कुमार सिंह आदि ने बताया कि कभी यहां पशुओं के लिए ऑपरेशन थियेटर, कंपाउंडर रूम, डॉक्टर का क्वार्टर आदि था। दूर दराज के पशुपालक पशुओं को लेकर इलाज के लिए पहुंचते थे। धीरे- धीरे यहां के कर्मी अवकाश ग्रहण करते गए और कालांतर में यह अस्पताल मृतप्राय हो गया। भवन खंडर में तब्दील हो गए। स्थानीय मुखिया अमित कुमार ने इस अस्पताल के जीर्णोद्धार की मांग की है।