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कृषि कल्याण अभियान से फरकिया के भी 25 गांव जुड़े

खगड़िया। कृषि कल्याण अभियान के तहत संपूर्ण देश के 113 जिलों के चयन किए गए हैं। उसमें बिहार के आठ जिले भी शामिल किए गए हैं। उनमें एक खगडि़या भी है। यहां के 25 गांवों का चयन किया गया है। इससे किसान उत्साहित है। इससे खेती-किसानी की तस्वीर बदल रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 07:55 PM (IST)
कृषि कल्याण अभियान से फरकिया के भी 25 गांव जुड़े
कृषि कल्याण अभियान से फरकिया के भी 25 गांव जुड़े

खगड़िया। कृषि कल्याण अभियान के तहत संपूर्ण देश के 113 जिलों के चयन किए गए हैं। उसमें बिहार के आठ जिले भी शामिल किए गए हैं। उनमें एक खगडि़या भी है। यहां के 25 गांवों का चयन किया गया है। इससे किसान उत्साहित है। इससे खेती-किसानी की तस्वीर बदल रही है।

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मालूम हो कि प्रधानमंत्री कृषि कल्याण अभियान का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर ग्राम व जिलों को विशेषता के आधार पर मदद पहुंचाना है। ताकि आर्थिक रुप से पिछड़े गांव को कृषि कार्य में आगे बढ़ाया जा सके। प्रथम फेज खरीफ फसल में गोगरी के छह राजस्व ग्राम शामिल थे, जबकि दूसरे फेज रबी की खेती में गोगरी के बौरना सहित दो राजस्व ग्राम शामिल किए गए हैं। योजना के तहत जिले के चयनित सभी 25 गांव में किसानों के बीच सभा आयोजित कर कृषि विज्ञान केंद्र और स्थानीय अधिकारियों ने किसानों को उन्नत कृषि के गुर सिखाए।

कृषि कार्य के कचरे से नाडेप विधि से खाद तैयार करने की कला भी सिखाई गई। प्रथम फेज में गोगरी के छह राजस्व ग्राम में

अब तक सौ से अधिक पीट का निर्माण कर किसान खाद बनाने का कार्य कर रहे हैं। इस विधि से वेस्टेज चारे से एक पीट से तीन माह में दस ¨क्वटल खाद तैयार हो रहा है। पीट निर्माण के लिए सात हजार की अनुदान राशि भी किसानों को दी जाती है। हालांकि दूसरे फेज में अभी सूची जारी हुई है। योजना के तहत किसानों को खेती के लिए मुफ्त में बीज के अलावा फल की खेती के लिए आम के पौधे मुहैया कराए जा रहे हैं। प्रथम फेज में दलहन के बीज किसानों को मुहैया कराया गया था।

कोट

'यह योजना मुख्य तौर पर पिछड़े गांव व पिछड़े किसानों के लिए है। इससे किसानों को काफी सहायता मिल रही है। किसान बेहतर ढंग से खेती कर रहे हैं। अब वे स्वयं खाद का निर्माण भी कर रहे हैं। खेती किसानी की तस्वीर बदल रही है।'

डॉ. रंजीत प्रताप पंडित, कृषि विज्ञान केंद्र, खगड़िया।


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