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मिश्रित खेती ने बदली किसानी की परिभाषा

खगड़िया। अलौली प्रखंड के बहादुरपुर पंचायत अंतर्गत गुलरिया गांव में किसान कृष्णदेव राय ने खेती-किसानी की परिभाषा बदल दी है। इस प्रगतिशील किसान को उन्नत मिश्रित खेती के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन ¨सह ने सर्वश्रेष्ठ किसान सम्मान से सम्मानित किया है। पूसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी उन्हें अभिनव पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री के हाथों भी इन्हें सम्मान पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 06:57 PM (IST)
मिश्रित खेती ने बदली किसानी की परिभाषा
मिश्रित खेती ने बदली किसानी की परिभाषा

खगड़िया। अलौली प्रखंड के बहादुरपुर पंचायत अंतर्गत गुलरिया गांव में किसान कृष्णदेव राय ने खेती-किसानी की परिभाषा बदल दी है। इस प्रगतिशील किसान को उन्नत मिश्रित खेती के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन ¨सह ने सर्वश्रेष्ठ किसान सम्मान से सम्मानित किया है। पूसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी उन्हें अभिनव पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री के हाथों भी इन्हें सम्मान पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

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दरअसल, कृष्णदेव राय गृहस्थी संभालने को तैयार ही हुए थे, कि, उनके पिता स्वर्ग सिधार गए। ¨जदगी के खट्टे-मिट्ठे अनुभव से अनभिज्ञ कृष्णदेव राय को जीविका चलाने के लिए अपनी पुस्तैनी जमीन भी बेचनी पड़ी। पुस्तैनी जमीन बिकने के बाद कृष्णदेव राय ने अमानत का सहारा लिया। अमानत से जब आर्थिक स्थिति बदली, तो उन्होंने खेती के लिए जमीन खरीदनी शुरू की। इसके बाद खेती में एक से बढ़कर एक प्रयोग किए। उन्होंने 2017 में गन्ने के साथ आलू की खेती शुरू की। इस मिश्रित खेती में प्रति कट्ठा 30 ¨क्वटल गन्ने के साथ ही 20 मन आलू की फसल भी उगाई। जिसके लिए उन्हें केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली में सम्मानित किया। जबकि औषधीय पौधा मेंथा की खेती को लेकर लखनऊ के वैज्ञानिक एसपी खनुजा उन्हें दो बार सम्मानित कर चुके हैं।

हाल ही में कृष्णदेव राय ने बहादुरपुर के बगुलिया बहियार में शिमला मिर्च की खेती शुरू की है। कृष्णेदव राय ने बताया कि शिमला मिर्च की प्रति एकड़ खेती में 50 हजार की पूंजी लगती है। जिससे डेढ़ से दो लाख तक का मुनाफा होता है। खेती से कृष्णदेव राय अपने दोनों बेटे को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना चुके हैं। वे खेती को सर्वोत्तम रोजगार मानते हैं। खेत और खेती से मोहब्बत करने वाले कृष्णदेव राय आज 50 एकड़ जमीन के मालिक हैं।


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