मछली के साथ-साथ होगा बिजली उत्पादन
खगड़िया। स्वादिष्ट मछलियों के लिए मशहूर खगड़िया का प्रसिद्ध डैनी मोइन अब बिहार सरकार और एनएचपीसी (नेशनल हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन) के सहयोग से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। यहां सोलर पैनल के जरिये जहां बिजली उत्पादन होगा साथ ही मछली पालन भी जारी रहेगा। दस मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है।
खगड़िया। स्वादिष्ट मछलियों के लिए मशहूर खगड़िया का प्रसिद्ध डैनी मोइन अब बिहार सरकार और एनएचपीसी (नेशनल हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन) के सहयोग से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। यहां सोलर पैनल के जरिये जहां बिजली उत्पादन होगा साथ ही मछली पालन भी जारी रहेगा। दस मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। इसको लेकर 14 सितंबर को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के राज्य सचिव, एनएचपीसी के प्रतिनिधि और मंत्री खगड़िया प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति लिमिटेड के बीच अहम बैठक हो चुकी है। जिसमें डैनी मोइन के लीज को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। लीज की अवधि 30 वर्षों की होगी। मंत्री, खगड़िया प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति लिमिटेड, अशोक कुमार ने बताया कि इस संबंध मेंअब सिर्फ कागजी प्रक्रिया ही बाकि है।
अपलैंड और लो-लैंड दोनों का उपयोग होगा
बिजली उत्पादन को लेकर डैनी मोइन के अप और लो-लैंड दोनों का उपयोग किया जाएगा। इसके दो एकड़ जलीय क्षेत्र में तैरता हुआ सोलर पैनल लगाया जाएगा। जबकि जमीन पर स्थाई रूप से खड़े सोलर पैनल लगाए जाएंगे। दोनों के माध्यम से दस मेगावाट बिजली का उपयोग किया जाएगा। इससे मत्स्य उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मछली उत्पादन पर समिति और स्थानीय मछुआरों का हक बरकरार रहेगा। जाने डैनी मोइन को
खगड़िया-बेगूसराय सीमा पर अवस्थित डैनी मोइन की लंबाई पांच किलोमीटर है। कुल रकबा 256 एकड़ है। इसके सौ एकड़ में पानी रहता है, शेष भूमि सूखा क्षेत्र है। सालाना मछली उत्पादन दस टन है। यहां की मछली स्वाद के लिए मशहूर है। इसलिए लोकल मार्केट में ही इसकी खपत हो जाती है। कोट
'मछली के साथ-साथ डैनी मोइन में बिजली का उत्पादन भी होगा। सोलर पैनल के जरिये दस मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। मोइन के लीज की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा।'
= अशोक कुमार, मंत्री, खगड़िया प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति, लिमिटेड।
कोट
' डैनी मोइन के माध्यम से 'ऊपर बिजली, नीचे मछली' योजना को साकार किया जाएगा। अनुबंध को लेकर प्रक्रिया चल रही है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा।'
= लाल बहादुर साथी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, खगड़िया।
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