भारत छोड़ो आंदोलन में दीनानाथ मिश्र की थी अहम भूमिका
खगड़िया। स्वतंत्रता संग्राम में परबत्ता प्रखंड के भरतखंड निवासी दीनानाथ मिश्र का अमूल्य योगदान रह
खगड़िया। स्वतंत्रता संग्राम में परबत्ता प्रखंड के भरतखंड निवासी दीनानाथ मिश्र का अमूल्य योगदान रहा था। देश के प्रति अपने समर्पण भाव से ही उन्होंने स्वतंत्रता के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम दर्ज करा लिया।
बताया जाता है कि भारत छोड़ो आंदोलन में भी स्व. दीनानाथ मिश्र का अहम योगदान रहा। जयप्रकाश नारायण, डॉ. अरुणा असरफ अली एवं डॉ. राममनोहर लोहिया जब नेपाल के जेल में बंद थे तो उनलोगों को छुड़वाने में दीनानाथ मिश्र ने बड़ी भूमिका निभाई थी। वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने नारायणपुर व पसराहा स्टेशन के बीच रेलवे लाइन को उखाड़ फेंका था। इसके लिए अंग्रेजों ने इन्हें ¨जदा या मूर्दा पकड़ने पर दस हजार का इनाम भी घोषित किया था। गिरफ्तारी बाद इन्हें भागलपुर सेंट्रल जेल के टी सेल में रखा गया था।
बताया जाता है कि इनको साथ देने वाले महेंद्र गोप को फांसी की सजा दी गई थी। देश की आजादी बाद इन्होंने भारत सरकार को बड़ी मात्रा में शस्त्र जमा किया। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण ¨सह ने आजादी की लड़ाई में योगदान को देखते हुए दीनानाथ मिश्र को सीबीआई इंस्पेक्टर का पद दिया था। कुछ समय बाद इन्होंने त्यागपत्र देकर समाजसेवा शुरू कर दी। वहीं, दूसरी ओर भारत सरकार ने इन्हें ताम्रपत्र देकर सम्मानित भी किया था। संयोग ही इसे कहें कि वर्ष 2006 में 15 अगस्त को ही इनका निधन हुआ था।