शराब के बाद अब बंगाल से हो रही केरोसिन की तस्करी
कटिहार। शराब के बाद अब पश्चिम बंगाल से जिले में केरोसिन की तस्करी भी धड़ल्ले से की जा र
कटिहार। शराब के बाद अब पश्चिम बंगाल से जिले में केरोसिन की तस्करी भी धड़ल्ले से की जा रही है। प्राणपुर के रास्ते तस्करी का केरोसिन जिले के ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहा है। पिछले एक सप्ताह में केरोसिन तस्करी के तीन मामले सामने आए हैं। पकड़े गए तस्करों ने बंगाल के बाजार से केरोसिन लाए जाने की स्वीकारोक्ति की है। गुरूवार को मनिहारी अनुमंडलाधिकारी द्वारा की गई छापामारी में तस्करी के केरोसिन के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया। जानकारी के मुताबिक बंगाल से तस्करी का केरोसिन लाकर उंचे दामों पर किसानों को बेचा जाता है। रबी फस्ल के मौसम में तस्कर गिरोह की सक्रियता बढ़ जाती है। सिचाई कार्य में छोटे पंप सेट को चलालने में किसान केरोसिन का उपयोग करते हैं। राज्य में खुले बाजारों में केरोसिन की बिक्री पर रोक है। पीडीएस दुकानों को बीपीएल श्रेणी के लाभुको के लिए आवंटित किए जाने वाले केरोसिन में भी कटौती की गई है। पूर्व में राज्य में तीन लाख केरोसिन का आवंटन बीपीएल लाभुकों के लिए किया जाता था। आवंटन में 10 प्रतिशत की कटौती की गई है। अब महज 30 हजार लीटर केरोसिन का ही आवंटन पीडीएस दुकानों के लिए किया जा रहा है। बीपीएल लाभुकों को एक लीटर केरोसिन दिए जाने का नियम है। गांवों में विद्यतीकरण और 18 से 20 घंटे बिजली मिलने के कारण अधिकांश लाभुक केरोसिन का उठाव नहीं करते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीडीएस दुकानों से भी तस्कर सिडिकेट को केरोसिन की कालाबाजारी की जा रही है। बंगाल से वाया प्राणपुर, बलरामपुर एवं अमदाबाद के रास्ते केरोसिन की तस्करी की जा रही है। सीमावर्ती थाना क्षेत्र में चेकपोस्ट बनाए जाने के बाद भी केरोसिन तस्करी पर नकेल नहीं कसी जा सकी है। बंगाल में केरोसिन की सहज उपलब्धता के कारण वहां के बाजारों एवं पीडीएस दुकानों से कम कीमत में केरोसिन खरीद सीमांचल के ग्रामीण इलाकों में किसानों को उंची दर पर बेचा जाता है। डीजल की कीमत अधिक होने के कारण किसान सिचाई कार्य में केरोसिन का उपयोग करते हैं।