सुरक्षित भविष्य के लिए जल संचयन आवश्यक
कटिहार। जिला कृषि विज्ञान केंद्र प्रशिक्षण भवन में विश्व जल दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गय
कटिहार। जिला कृषि विज्ञान केंद्र प्रशिक्षण भवन में विश्व जल दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक और प्रधान डॉ रीता सिंह और आत्मा के उप परियोजना निदेशक एसके झा ने संयुक्त रुप से किया। इस अवसर पर वरीय वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने कहा कि विश्व जल दिवस का शुभारंभ सन 1993 से किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य जल के महत्व से आम लोगों को अवगत कराना एवं जल को लेकर जन जागरूकता कार्यक्रम चलाना है। जन जागरुकता से भूमिगत जल स्तर में हो रही कमी को रोका जा सकता है। इसके जरिए ही भू मंडल पर अवस्थित जैव विविधता को अनादि काल तक संरक्षित रखा जा सकता है। डॉ. रीता ने कहा कि एक- एक बूंद के जल के महत्व को समझ कर भविष्य के लिए संचय करना जरूरी है। सरकार द्वारा जल को संरक्षित करने को लेकर कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। किसानों से भी खेतों की सिचाई खुली विधि से न कर ड्रिप या स्प्रिंकलर के माध्यम से करने की अपील की गई। उन्होंने कहा कि जल की बर्बादी को रोककर जल संचय में सभी की भागीदारी जरूरी है। आत्मा के उप परियोजना निदेशक एस के झा ने कहा कि जल का संरक्षण व उचित प्रबंधन कर भूमि के जल स्तर में वृद्धि की जा सकती है। इसके लिए सभी की सजगता आवश्यक है। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ केपी सिंह, डॉ सुशील कुमार सिंह, डॉ रमाकांत सिंह, स्वीटी कुमारी, ओम प्रकाश भारती, मुकेश कुमार, अमरेन्द्र कुमार, विकास, छात्रा रुचि, लक्ष्मी, हेमप्रभा एवं आत्मा से बीटीएम गोविद कुमार, एटीएम रवि कुमार, नीरव कुमार, दुर्गा प्रसाद सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे
बिहार दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
कटिहार : जिला कृषि विज्ञान केंद्र में बिहार दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान सहित कई विज्ञानी और किसान मौजूद थे। वक्ताओं ने कहा कि 22 मार्च को बंगाल से अलग होकर बिहार राज्य की स्थापना हुई थी। इस दौरान देश के विकास में बिहार की महत्ता एवं योगदान पर विशद चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि हर क्षेत्र में बिहार ने अपना कीर्तिमान स्थापित किया है।