ये हैं रेलवे के सब इंस्पेक्टर, नाम है टॉमी और तोमर- इनसे अपराधी खाते खौफ
कटिहार रेल डिवीजन में दो बेजुबान दोस्त, दो कुत्ते आरपीएफ सब इंस्पेक्टर के पद पर बहाल हैं। इनकी ईमानदारी और वफादारी देखकर लोग भी कह उठते हैं-भई वाह, वहीं अपराधी इनसे खौफ खाते हैं।
कटिहार [जेएनएन]। कुत्ते और आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर, सुनकर आप जरूर चौंक जाएंगे, लेकिन यह सच है। टॉमी और तोमर दो दोस्त हैं जिनकी वफादारी पर पूरी रेल पुलिस को भरोसा है। इनकी वफादारी को देख लोग दंग रह जाते हैं। कुत्तों की वफादारी और काम की ईमानदारी से सभी लोग वाकिफ हैं।
ये दोनों दोस्त, टॉमी और तोमर दिखने में तो बिल्कुल आम कुत्तों जैसे दिखते हैं लेकिन दोनों आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर के पद पर बहाल हैं और कटिहार रेल डिवीजन में पिछले आठ सालों से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। पूरी ईमानदारी से दोनों दोस्त रेलव की सेवा करते हैं और इनके रिकॉर्ड के अनुसार इन दोनों ने वह कारनामे किये हैं जो एक बड़े से बड़े अधिकारी के लिए भी मुश्किल है।
इनकी सूंघने की शक्ति इतनी तेज है कि ये कोई भी बड़ा से बड़ा अपराधी क्यों ना हो? उसे ढूंढ निकालते हैं। आसपास के जिलों में अपराधियों को पकड़ने के लिये इन दोनों को ले जाया जाता है। ये दोनों वर्षों से रेलवे में कार्यरत हैं और कई बार इन दोनों ने लोगों को रेलवे में होने वाले बड़े हादसों से भी बचाया है।
कटिहार आरपीएफ के अधिकारी और दोनों बेजुबानों के मास्टर अशोक कुमार दास बताते हैं दोनों साथ पले-बढे हैं और फिर रेलवे की सेवा में आ गए। इनके वेतन का सारा खर्च इनके रख-रखाव पर जाता है। आम कर्मियों की तरह इन्हें क्वार्टर भी प्रोवाइड कराया गया है। रोजाना इनके खान-पान और मेंटेनेंस के मद में एक हजार रूपये का खर्च आता है।
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी अशोक कुमार दास बताते हैं कि कटिहार रेल मंडल संवेदनशील रेल मंडल में आता है। यहां बांग्लादेश, नेपाल और भूटान समेत कई राज्यों की सरहदें भी छूती है। इस स्टेशन से रोजाना हजारों यात्री चढ़ते-उतरते हैं। ऐसे में सुरक्षा के दृष्टिकोण से ये स्टेशन काफी अहम है। जिसकी जिम्मेदारी टॉमी और तोमर बखूबी निभाते हैं। इनके रहने से हमारी परेशानी कम हो जाती है। ये दोनों अपनी ड्यूटी अच्छी तरह निभाते हैं।