सोशल मीडिया पर दोस्ती कर बच्चों को ब्लैकमेल कर रहे अपराधी, जानिए कैसे
बिहार में बच्चों के साथ साइबर अपराध बढ़े हैं। इंटरनेट पर दोस्ती कर उनके उत्पीड़न के कई मामले सामने आ चुके हैं। स्थिति को लेकर पुलिस गंभीर दिख रही है।
कटिहार [नीरज कुमार]। साइबर क्राइम सिर्फ आर्थिक फर्जीवाड़ा तक ही सीमित नहीं, ऑनलाइन बाल अधिकार हनन व यौन उत्पीडऩ के मामले भी चिंताजनक स्थिति तक बढ़ गए हैं। पिछले दो माह के दौरान बिहार में इस तरह के आधा दर्जन मामले सामने आए हैं। अब पुलिस मुख्यालय ने समस्या की गंभीरता को समझा है। बच्चों, खासकर लड़कियों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर केंद्रीय महिला एवं बाल अधिकार मंत्रालय भी गंभीर है।
उत्पीड़न का हथियार बना सोशल मीडिया
फेसबुक, वाट्सएप सहित अन्य सोशल मीडिया के जरिए बाल यौन उत्पीडऩ के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्मार्टफोन का उपयोग करने वाले बच्चों को इंटरनेट से जुड़ी सुरक्षा संबंधी जानकारी नहीं होने के कारण वे इसके अधिक शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधियों की नजर सोशल मीडिया पर अपलोड होने वाली सुंदर बच्चों की तस्वीरों पर भी है। ये लोग अपलोड होने वाली तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उसे पोर्न साइट पर वायरल कर रहे हैं। इतना ही नहीं ई-मेल और वाट्सएप हैक कर साइबर अपराधी बच्चों से संबंधित जानकारी जुटाकर अपहरण जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
चार लड़कियों ने की खुदकशी
सोशल मीडिया पर बच्चों द्वारा किए जा रहे पोस्ट के आधार पर साइबर अपराधी उनके तनाव में होने या अकेलेपन को भांप ले रहे हैं। उनसे सोशल साइट्स पर ही दोस्ती कर अपहरण व दुष्कर्म जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बिहार में बीते दो महीने के दौरान साइबर अपराधियों की शिकार चार लड़कियों की खुदकशी की बात भी सामने आई है।
आधा दर्जन मामले उजागर
विभागीय जानकारी के मुताबिक पिछले एक माह के दौरान राज्यभर में बच्चों से जुड़े साइबर अपराध के आधा दर्जन मामले सामने आए हैं। पुलिस भी मानती है कि लोक लाज के कारण ऐसे अधिकांश मामले उजागर ही नहीं हो पाते। बच्चे अपने परिवार तक को इसकी जानकारी नहीं देते।
बच्चों को दिए जाएंगे बचाव के टिप्स
समस्या को देखते हुए पुलिस के साइबर सेल द्वारा चाइल्ड लाइन फाउंडेशन इंडिया के सहयोग से स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को जागरूक करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत एक वर्ष में दो लाख बच्चों को बचाव के टिप्स दिए जाएंगे।
ऑनलाइन दर्ज होगी प्राथमिकी
साइबेर सेल (पटना) के एएसपी सुशील कुमार कहते हैं कि बच्चों के प्रति ऑनलाइन अपराध के बढ़ते मामले स्थानीय थानों में साइबर विशेषज्ञ नहीं रहने के कारण दर्ज नहीं हो पाते। इसे देखते हुए मुख्यालय स्तर से साइबर सेल के माध्यम से सभी जिलों में साइबर जोन प्रोजेक्ट खोलने की योजना तैयार की गई है। साइबर क्राइम के पीडि़त यहां ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करा सकेंगे। इसपर पटना स्थित साइबर सेल त्वरित कार्रवाई करेगा।