बरसाती नदी बनी सालभर बहने वाली कमला-भसना
कटिहार। हसनगंज प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली कमला एवं भसना नदी का अस्तित्व भी अब खतरे में है। क
कटिहार। हसनगंज प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली कमला एवं भसना नदी का अस्तित्व भी अब खतरे में है। कुछ वर्ष पूर्व तक सालोभर बहने वाली ये नदियां अब बरसाती नदी बनकर रह गई है। नदियों की इस स्थिति से किसानों की परेशानी भी चरम पर है। कभी इस क्षेत्र के किसानों के लिए ये दोनों नदियां ही ¨सचाई का मुख्य स्त्रोत था। इतना ही नहीं इन नदियों के चलते कई लोग मछली पकड़ने के रोजगार से जुड़े हुए थे और उनका भरण पोषण भी इसी माध्यम से होता था। इसका सीधा असर किसान एंव मजदूर तबके के लोगों पर पड़ा है। हजारो परिवार इन नदियों से मछली मार अपने परिवारों का भरण-पोषण किया करता था। परंतु आज सालों भर बहने वाली ये नदियां जगह-जगह सिकुड़कर नाले में तब्दील हो गई है। किसानों के लिये बरदान कही जाने वाली इन नदियों में सिर्फ बरसात के दिनों में ही पानी दिखता है। अब अप्रैल माह से ही इस नदी की धारा थम जाती है। वर्तमान में भी कहीं-कहीं गढ्ढा होने के कारण वहां जल जमा है। क्षेत्र के लोगों का कहना है की नदी का मार्ग गाद से पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। नदी की इस स्थिति के चलते अब क्षेत्र के किसानों ने पाट की खेती भी करना छोड़ दिया है।