यूरिया नहीं मिलने से आक्रोशित किसानों ने किया प्रदर्शन
संवाद सूत्र बारसोई (कटिहार) यूरिया नहीं मिलने से आक्रोशित किसानों ने प्रखंड के रास चौक पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया।
संवाद सूत्र, बारसोई (कटिहार): यूरिया नहीं मिलने से आक्रोशित किसानों ने प्रखंड के रास चौक पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया। इस दौरान तीन ओर से सड़क को जाम कर जमकर नारेबाजी की जिसके चलते लंबा जाम लग गया। किसानों ने जिला प्रशासन और बिहार सरकार के विरुद्ध जमकर भड़ास निकाली। जाम की सूचना पर पुलिस पदाधिकारी दल-बल के साथ घटना स्थल पर पहूंचे तथा नाराज किसानों को समझा-बुझाकर मनाया।
प्रदर्शनकारी किसानों का कहना था कि बंगाल से हम खाद ला नहीं सकते और बिहार में खाद मिल नहीं रहा है। ऐसे में किसानों का शोषण हो रहा है। किसानों ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि एक तो सूखाड़ के चलते खेती किसानी में आफत आ गई है। वहीं भगवान की कृपा से दो दिन पहले बारिश हुई है। परंतु अब हमलोगों को यूरिया की जरूरत है जो बाजार में मिल नहीं रही है। दुकानदार बंगाल से खाद लाकर बेचते हैं तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होती है। बिहार से हमें सप्लाई नहीं मिल रही है। आखिर हम करें तो क्या करें। किसान अशोक कुमार ने बताया कि किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। वहीं किसानों की समस्याओं को सुनकर बीडीओ प्रियंका ने तुरंत संज्ञान लेते हुए प्रखंड कृषि पदाधिकारी को बुलाकर किसानों की समस्याओं को जल्द से जल्द निपटारा करने के लिए निर्देश दिया तथा खाद्य उपलब्ध कराने को भी कहा।
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संवाद सूत्र, गेड़ाबाड़ी (कटिहार ): कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के गेड़ाबाड़ी बस्ती की ममता कुमारी मवेशी का चारा काटने खेत गई थी। चारा काटने के दौरान हाथ पर एक विषैले सांप ने काट लिया। स्वजनों ने उपचार के लिए कोढ़ा पीएचसी लाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद सर्पदंश की दवाई नहीं रहने से चिकित्सकों ने पूर्णिया सदर अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं सर्पदंश की शिकार ममता की चाची मंजू कुमारी ने बताया कि लगातार पड़ रही गर्मी के कारण विषैले सांप बाहर निकलकर घर आंगन तक पहुंचने लगे हैं। सर्पदंश के लगातार शिकार लोग हो रहे है। ऐसे में अगर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में सर्पदंश की दवाई नहीं रहती है तो कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। हर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में सर्पदंश की दवाई उपलब्ध करा दी जाए तो लोगों की जान बचाई जा सकती है। चिकित्सा पदाधिकारी डा अजय कुमार सिंह ने बताया कि सर्पदंश की दवाई उपलब्ध रहती है। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उपचार कर रेफर कर दिया जाता है।