मक्का मंडी के रुप में है सेमापुर बरेटा पंचायत की पहचान
कटिहार। मक्का और पटसन की मंडी के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए सेमापुर बरेटा पंचायत
कटिहार। मक्का और पटसन की मंडी के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए सेमापुर बरेटा पंचायत में भी विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। पंचायत की पहली महिला मुखिया रीता सिंह के प्रयास से यहां विकास को नई रफ्तार मिली है। बुनियादी सुविधाओं का सतत विस्तार जारी है। पंचायत में सड़क, नाला के साथ हर घर स्वच्छ नल का जल पहुंचाने को लेकर मुखिया का जतन लगातार जारी है। उनके प्रयास से पंचायत में कीचड़मय सड़क के साथ सड़कों पर जलजमाव से लोगों को निजात मिल चुकी है। यही नहीं, व्यवसायिक मंडी में भीषण गर्मी में बिजली की आंख मिचौनी को लेकर भी मुखिया पति संजय सिंह लगातार प्रत्यनशील रहे और कई बार सड़कों भी उतरे। विधायक और मंत्री के साथ प्रशासन का ध्यान भी आकृष्ट करते रहे। यही कारण है कि बरेटा में विद्युत सब स्टेशन का भी निर्माण इसके कार्यकाल में हो सका। सेमापुर बरेटा पंचायत में 19 वार्ड है। आपसी भाईचारे के साथ सभी वार्डो में विकास एक बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती को मुखिया ने आपसी भाईचारे के साथ सबको सम्मान देते हुए बखूबी निभाया। कोरोना काल में पंचायत के लोगों के बीच रहकर निजी मद से राशन दिलाने का काम हो या मास्क, सैनिटाइजर व साबुन आदि का वितरण मुखिया द्वारा किया। मुखिया रीता सिंह ने बताया कि पंचायत में वृद्ध, दिव्यांग, विधवा को पेंशन का लाभ दिलाना उनकी प्राथमिकता में शामिल रहा है। वही गली-गली सड़कों का निर्माण कराने के साथ मील टोला, अमीनाबाद, सेमापुर हाट, अंसारी टोला, बंका, देवी बरेटा में जल निकासी की समस्या से निजात के लिए नाला का निर्माण भी कराया गया। सेमापुर के हर गली महल्लों में सड़क के किनारे चौक चौराहों पर पोल में लाइट लगाने का काम किया गया। स्वच्छता अभियान को लेकर जगह जगह कूड़ेदान लगाए गए। महादलित बस्ती में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया। रीता सिंह ने कहा कि पंचायत का गुमदा टोला जहां नहर में पानी आने पर बच्चों को स्कूल आने-जाने में परेशानी होती थी, वहां ग्रामीणों के सहयोग से कच्ची भवड़ा सड़क बनाकर इस समस्या का समाधान किया गया। छठ पर्व पर प्रत्येक वर्ष छठ घाट की सफाई व लाइटिग की व्यवस्था निजी कोष से की जाती है। स्थानीय ग्रामीण सह अभाविप के पूर्व नगर अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने बताया कि विगत पांच साल में बरेटा पंचायत का सम्रग विकास हुआ है। बरेटा में जो कार्य पंन्द्रह वर्ष में मुखिया द्वारा नहीं हो सका वह पांच साल के दरम्यान हुआ है। रीता सिंह सेमापुर की पहली महिला मुखिया है, जो जनता से सीधे संवाद करती है। अफरोज आलम ने कहा कि बरेटा पंचायत में जाति धर्म से हटकर पंचायत के विकास के लिए कार्य किया गया है। हर गली मोहल्ले में उनके द्वारा जो कार्य हुआ है, वह दिख रहा है। यही नहीं उसने बरेटा में साम्प्रदायिक सछ्वाव को बढ़ावा देने की भी हर पहल की। वही सेमापुर की पहली महिला मुखिया है, जो पंचायत के कार्यक्रम में खुद बढ़ चढ़ कर भाग लेती है। महिलाओं के प्रोत्साहन को लेकर कार्यक्रम करती है। बरेटा पंचायत भवन को भी संवारने और सहजने का काम मुखिया द्वारा किया गया। कोरोना काल में लोगों के बीच मुफ्त मास्क, सैनिटाइजर और राशन का वितरण भी किया गया।