अलौकिक शक्ति के लिए प्रसिद्ध है फलका ठाकुरबाड़ी मंदिर
कटिहार। जिले के फलका प्रखंड स्थित ठाकुरबाड़ी मंदिर फलका की स्थापना वर्ष 1915 ई. में हुइ
कटिहार। जिले के फलका प्रखंड स्थित ठाकुरबाड़ी मंदिर फलका की स्थापना वर्ष 1915 ई. में हुई थी। पिछले 103 वर्षों से हर साल यहां बासंती नवरात्र एवं रामनवमी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
नवरात्र को लेकर ठाकुरबाड़ी मंदिर परिसर के दुर्गा मंदिर में कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना से माहौल भक्तिमय बना है। दूर दराज से श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं।
क्या है मंदिर का इतिहास :
ठाकुरबाड़ी मंदिर का का इतिहास सौ वर्ष पुराना है। फलका बाजार निवासी सह पूर्व मुखिया लाला प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उनके पूर्वजों ने ग्रामीणों के सहयोग से इस मंदिर की स्थापना की थी। मंदिर के पुजारी गोपीनाथ ठाकुर बताते हैं कि यह मंदिर वर्षों से लोगों के आस्था का केंद्र रहा है। यहां आने वाले भक्तजनों की हर मुराद पूरी होती है। खासकर चैती नवरात्र के अवसर पर यहां रामनवमी के साथ दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन किया जाता रहा है। इस मौके पर यहां मेला व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
मंदिर के वास्तु कला की भी है विशेषता :
मंदिर का निर्माण वास्तु विशेषज्ञों व पंडितों की सलाह एवं गणना के आधार पर हुआ था। इसी आधार पर मंदिर निर्माण स्थल एवं नामकरण किया गया। मंदिर अपने अलौकिक शक्ति के लिए भी प्रसिद्ध है। पूजा समिति अध्यक्ष शंभु साह व पूर्व मुखिया लाला प्रसाद गुप्ता आदि ने बताया कि इस बार दुर्गा पूजा व रामनवमी मेला के अवसर पर ग्रामीण लोक नृत्य एवं 48 घंटे का अष्टयाम सह कीर्तन का आयोजन किया गया है। देवी जागरण के बाद मंगलवार को मां दुर्गा का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जायेगा। 25 मार्च को रामनवमी के साथ माता के नवम रूप सिद्धिधात्री की पूजा अर्चना की जायेगी।