दियारा क्षेत्र से गुजरेगा मालवाहक जहाज, सुरक्षा व्यवस्था होगी चुनौती
कटिहार गंगा और कोसी नदी के दियारा क्षेत्र में अपराधियों की आवाजाही से दियारा का बाल
कटिहार : गंगा और कोसी नदी के दियारा क्षेत्र में अपराधियों की आवाजाही से दियारा का बालू एकबार फिर से सुलगने लगा है। हाल के दिनों में किसान की हत्या एवं गैंगवार में मनिहारी के बैजनाथपुर दियारा में गोलीबारी की घटना से किसानों के बीच दहशत व्याप्त है। इधर वाराणसी से हल्दिया के बीच अंतरदेशीय जलमार्ग एक पर मालवाहक जहाजों के परिचालन को भी हरी झंडी मिल गई है।
1620 किमी लंबा यह जलमार्ग भागलपुर एवं कटिहार जिले के गंगा दियारा के कछार होकर गुजरेगा। अपराधी गिरोहों की बढ़ती सक्रियता से मालवाहक जहाजों का सुरक्षित परिचालन भी स्थानीय पुलिस के लिए चुनौती साबित होगी। वाराणसी से हल्दिया के बीच मुगलसराय, बक्सर, आरा, पटना, भागलपुर और मनिहारी होकर मालवाहक जहाजों का परिचालन होगा। इस अंतरदेशीय जलमार्ग से बांग्लादेश तक ऑटोमोबाइल, अनाज, पेट्रोलियम उत्पाद सहित अन्य सामानों का ट्रांसपोर्टेशन किया जाएगा।
पीरपैंती और साहिबगंज के अपराधी गिरोह की है सक्रियता
दियारा इलाके में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर अपराधी गिरोहों के बीच हिसक झड़प की घटना होती रही है। हालांकि हाल के दिनों में किसी बड़ी वारदात की घटना नहीं हुई, लेकिन किसानों से रंगदारी तथा नाविकों से अवैध वसूली के कारण अपराधियों की बंदूकें दियारा इलाके में गरजती रही है। एक सप्ताह पूर्व कुरसेला के दियारा में एक किसान की गोली मार हत्या कर दी गई। दो दिन पूर्व गैगवार में दो अपराधी गिरोहों द्वारा दर्जनों राउंड फायरिग की गई। बाढ़ का पानी उतरने के बाद दियारा इलाके की मिट्टी कलाई सहित अन्य फसल की उर्वरक मानी जाती है। अपराधी गिरोहों की नजर दियारा का काला सोना कहे जाने वाले कलाई फसल पर रहती है। विषम भौगाोलिक स्थिति के कारण दियारा के अपराधियों पर नकेल कसना पुलिस के लिए मुश्किल साबित होता है। मनिहारी का दियारा हथियार एवं मादक पदार्थों की तस्करी का ट्रांजिट रूट माना जाता है। मुंगेर से पीरपैंती के रास्ते अवैध हथियारों की खेप दियारा तक पहुंचाई जाती है। तस्करी के हथियार को डंप कर मांग के आधार पर स्थानीय एवं आसपास के जिलों के अपराधियों तक अवैध हथियार पहुंचाया जाता है।