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मानव तस्करी का ट्रांजिट रूट बना कटिहार, मुंबई-दिल्ली तक भेजी जातीं बच्चियां

बिहार का सीमांचल इलाका बाल तस्करी को लेकर ट्रांजिट प्वाइंट बनते जा रहे हैं। मानव तस्करों के तार पश्चिम बंगाल से दिल्ली तक जुड़े हैं

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 09:02 AM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 10:22 PM (IST)
मानव तस्करी का ट्रांजिट रूट बना कटिहार, मुंबई-दिल्ली तक भेजी जातीं बच्चियां
मानव तस्करी का ट्रांजिट रूट बना कटिहार, मुंबई-दिल्ली तक भेजी जातीं बच्चियां

कटिहार [नीरज कुमार]। सीमांचल के जिले बाल तस्करी को लेकर ट्रांजिट प्वाइंट बनते जा रहे हैं। मानव तस्करी को लेकर कटिहार रेलवे स्टेशन विशेष संवेदनशील माना जाता है। मानव तस्करों के तार पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक जुड़े हुए हैं। कटिहार प्रमंडल से हर वर्ष सौ बच्चे व बच्चियां मानव तस्करी की शिकार हो रही हैं। बच्चों की ट्रैफिकिंग बालश्रम तथा बच्चियों की शादी के नाम पर हो रही है।

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कटिहार स्टेशन पर एक माह के दौरान आधा दर्जन बच्चों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया गया है। बेटी बचाओ आंदोलन व ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान चलाने वाली संस्था भूमिका विहार द्वारा प्रमंडल के कटिहार, पूर्णिया, अररिया एवं किशनगंज जिले में कराए गए सर्वे में यह मामला उजागर हुआ है।

सरकारी आंकड़ों की अलग है कहानी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लापता बच्चों की संख्या 159 है। संस्था की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वर्ष में पूर्णिया प्रमंडल में बाल मानव तस्करी के 519 मामले सामने आए हैं। किशनगंज जिले में पिछले पांच वर्षों में बाल मानव तस्करी के सबसे अधिक 288 मामले सामने आए हैं। वहीं, पूर्णिया में 85, अररिया में 72 तथा कटिहार में 74 मामले सामने आए हैं।

विषम भौगोलिक स्थिति, बाढ़ व कटाव का लाभ उठाकर मानव तस्कर आराम से बच्चों के अभिभावकों को प्रलोभन देकर ट्रैफिकिंग करने में सफल हो रहे हैं। सीमांचल के जिलों में नाबालिग लड़कियों की ट्रैफिकिंग फर्जी शादी के नाम पर हो रही है। बांग्लादेश व नेपाल से भी सीमांचल के रास्ते मानव तस्करी की बात सामने आई है।

केस स्टडी एक

एक माह पूर्व कोढ़ा थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की की फर्जी शादी के नाम पर खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था। लड़की का सौदा 25 हजार में तय किया गया। 10 हजार रुपये अग्रिम दलालों द्वारा दिए गए। एक स्वयंसेवी संस्था के सदस्यों ने दलालों के चंगुल से लड़की को मुक्त कराया।

केस स्टडी दो

कुर्सेला थाना के खेरिया गांव से ढ़ाई वर्ष पूर्व एक नाबालिग लड़की मानव तस्करी की शिकार हुई थी। लड़की को यूपी के सहारनपुर में एक गांव में रखा गया था। लड़की को देह व्यवसाय में धकेलने के लिए सौदा किया जा रहा था। सीआइडी कमजोर वर्ग ने विशेष पुलिस टीम का गठन कर यूपी पुलिस के सहयोग से सहारनपुर से बच्ची को मुक्त कराया।

केस स्टडी तीन

एक सप्ताह पूर्व रेल सुरक्षा बल द्वारा बाल श्रम के लिए ले जाए जा रहे चार बच्चों को रेल सुरक्षा बल ने दलालों के चंगुल से मुक्त कराया। छह माह पूर्व ब्यूटी पार्लर में काम दिलाने के नाम पर ले जाई जा रहीं दो लड़कियों को कटिहार स्टेशन पर बरामद किया गया था। इस मामले में एक महिला दलाल को भी गिरफ्तार किया गया था।


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