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नशे के आदी 250 किशोरों को सजग करेगा स्वास्थ्य विभाग

कटिहार मलीन बस्तियों में रहने वाले नशा के आदी किशोरों के लिए अब स्वास्थ्य विभाग विशे

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 07:04 PM (IST)
नशे के आदी 250 किशोरों को सजग करेगा स्वास्थ्य विभाग
नशे के आदी 250 किशोरों को सजग करेगा स्वास्थ्य विभाग

कटिहार : मलीन बस्तियों में रहने वाले नशा के आदी किशोरों के लिए अब स्वास्थ्य विभाग विशेष अभियान चलाएगी। ऐसे बच्चों को चिन्हित कर ऐसे किशोरों की नशामुक्ति को लेकर पहल की जा रही है। शहर और आसपास के इलाकों में लगभग 250 किशोरों को चिन्हित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग व बाल संरक्षण इकाई द्वारा विशेष टास्क फोर्स का गठन कर ऐसे किशोरों को चिन्हित किया गया है। चिन्हित किशोरों की टोली में कई बच्चे भी शामिल हैं। नशा सेवन के लिए यह बाजार में बिकने वाले सुलेशन सहित इस प्रकार के रसायन का प्रयोग करते हैं।

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शहर के रेलवे स्टेशन, ओवर ब्रिज सहित आस-पास के इलाकों सहित मलीन बस्तियों में ऐसे बच्चों की संख्या अधिक है। इनमें अधिकांश बच्चे रेलवे स्टेशन के आसपास कचरा चुनने का कार्य करते हैं। इन्हें विद्यालय से जोड़ने के साथ मुख्यधारा में शामिल करने को लेकर पहल की जाएगी। इसके साथ ही इन बस्तियों में टीम पहुंचकर अभिभावकों को भी नशा सेवन के आदि बच्चों की देखभाल को लेकर जागरूक करेगी। साथ ही उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा।

पैसों के जुगाड़ के लिए चुनते हैं कचरा :

सर्वे के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ऐसे किशोर नशा सेवन के लिए कोई न कोई काम करते हैं। अधिकांश किशोर कचरा चुनने का काम करते हैं। जबकि नशा के आदि हो चुके किशोर पैसे के जुगाड़ के छोटी बड़ी आपराधिक वारदात को भी अंजाम देते हैं। जबकि रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप सहित भीड़ भार वाला इलाका उनका ठिकाना होता है। परिवार की माली हालत खराब होने के कारण इन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना भी मुश्किल होता है।

क्या कहते हैं चिकित्सक :

चिकित्सकों की माने तो यह किशोर अक्सर अकेला रहना पसंद करते हैं। जबकि गंदगी व मैले कपड़ों में रहने की उनकी आदत सी हो जाती है। ऐसे किशोर पानी से दूर रहने की कोशिश करते हैं। इसके कारण उनमें पानी की कमी होने के कारण उनका विकास रूक जाता है। जबकि नशा के आदि होने के कारण उनका मानसिक स्तर भी प्रभावित होता है। लंबे समय तक आदि रहने के कारण उनके विक्षिप्त होने की संभावना भी बनी रहती है। इसके कारण वे असमय मौत के शिकार हो सकते हैं।


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