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1977 में बसाये गए विस्थापितों को आजतक नहीं मिला बासगीत पर्चा

कटिहार। एक ओर विस्थापितों को पुनर्वासित करने को लेकर लगातार पहल की जा रही है। वहीं

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 11:19 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 11:19 PM (IST)
1977 में बसाये गए विस्थापितों को आजतक नहीं मिला बासगीत पर्चा
1977 में बसाये गए विस्थापितों को आजतक नहीं मिला बासगीत पर्चा

कटिहार। एक ओर विस्थापितों को पुनर्वासित करने को लेकर लगातार पहल की जा रही है। वहीं प्रखंड में 1977 में बाढ़ से विस्थापित परिवारों को बसाने के बाद आजतक उन्हें बासगीत पर्चा उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके कारण इन परिवारों को सरकार के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसकी मांग को लेकर विस्थापित परिवार स्थानीय पदाधिकारियों से लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं लेकिन उनकी समस्या का निदान नहीं हो पाया है। बता दें कि प्रखंड के लाभा, लालगंज, नंदसुरी, मकरचल्लाह, सिजटोला, केवाला मिलिक, अमदोल, काठघर, सुरजना, जल्लाहरेरामपुर, गजहर, ग्रामदेवती, धबोल गांव के विस्थापित परिवारों को बसाया गया है। बता दें कि सरकार द्वारा महानंदा विभाग की जमीन पर इन परिवारों को बसाने के 40 वर्ष बाद भी लोग बासगीत पर्चा का इंतजार कर रहे हैं। मुखिया संघ के अध्यक्ष सऊद आलम ने बताया की कई बार विस्थापित परिवार के लोगों द्वारा बासगीत पर्चा को लेकर जिलाधिकारी को लिखित आवेदन दिया गया, लेकिन अब तक इस पर कोई पहल नहीं हो पाया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार प्रशासन से बासगीत पर्चा लोगों को दिलाने की मांग की गई। विस्थापितों ने शीघ्र इस दिशा में पहल का अनुरोध जिलाधिकारी से किया है।

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