विधायक बनने से पूर्व 24 साल तक आजमनगर के मुखिया थे जलील
कटिहार। कदवा विधानसभा क्षेत्र का तीन बार प्रतिनिधित्व कर करने वाले पूर्व विधायक अब्दुल जलील के
कटिहार। कदवा विधानसभा क्षेत्र का तीन बार प्रतिनिधित्व कर करने वाले पूर्व विधायक अब्दुल जलील के निधन की सूचना से समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका पार्थीक शरीर आजमनगर पहुंचते ही सर्मथकों की भीड़ उमड पड़ी। पूर्व विधायक के बडे पुत्र सह समाज सेवी मु. सैयाद उर्फ ¨पकू ने बताया कि वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। इलाज के क्रम में उनका निधन हो गया। रविवार को 10 बजे आजमनगर के कब्रिस्तान में जनाजे के बाद सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। वहीं एसडीओ पवन कुमार मंडल ने उनके परिजनों से मिल कर इस दुख की घडी में हिम्मत ढाढ़स बंधाया। एसडीओ ने कहा कि प्रशासन एवं पुलिस के जवानों की मौजूदगी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई होगी। बता दें कि अब्दुल जलील 1978 में आजमनगर पंचायत से मुखिया पद के लिए र्निवाचित हुए थे। 24 वर्षों तक लगातार मुखिया रहते हुए 1990 में कदवा से र्निदलीय प्रत्याशी के रुप में विस चुनाव में उतरे और विजयी रहे। उस चुनाव में उनका चुनाव चिन्ह नाव छाप था। अब्दुल जलील ने भाजपा के भोला राय को हराया था। इस में अब्दुल जलील को 23145 वोट, भोला राय को 20480 वोट प्राप्त हुआ था। दूसरी बार मार्च 2005 में वे राकांपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में उतरे और 35279 वोट प्राप्त कर भाजपा के भोला राय को शिकस्त दी। इसी वर्ष विधानसभा भंग हो जाने के कारण मध्यावधि चुनाव में पुन: भाजपा के हिमराज ¨सह को हराया।। उनके पुत्र डा. नुरशीद आलम ने बताया कि पहली बार र्निदलीय विधायक बनने के बाद राजद को सर्मथन दे कर बिहार में सरकार बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।