खानापूर्ति बनी जांच, ट्रैफिक नियमों की उड़ रही धज्जियां
कटिहार। सुरक्षित यातायात को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही वाहनों की जांच कर दो
कटिहार। सुरक्षित यातायात को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही वाहनों की जांच कर दो पहिया वाहन चालकों से जुर्माना वसूला जाता है। लेकिन यात्री वाहनों सहित भारी वाहनों की जांच के नाम पर महज खानापूर्ति होने के कारण बेधड़क यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इसके कारण जहां यातायात नियमों का उल्लंघन हो रहा है। वहीं बेलगाम गाड़ियां दुर्घटना का सबब बन रही है।
ओवरलोड वाहनों के परिचालन के साथ ही यात्री वाहनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी दुर्घटना का सबब बनती है। मुख्य रूप से देर रात और अल सुबह ओवलोड वाहनों का परिचालन होता है। जांच से बचने के लिए वाहन चालक बेतरतीब तरिके से वाहनों का परिचालन कराते हैं। इसके कारण अक्सर दुर्घटना होती है। कोढ़ा से कुर्सेला के बीच प्रतिमाह औसतन दो दर्जन सड़क दुर्घटना हो रही है। इसका मुख्य कारण बेलगाम गति मानी जाती है। लेकिन इसपर रोक लगाने को लेकर सकारात्मक पहल नहीं हो पा रही है।
यात्री वाहनों में हो रही सुरक्षा की अनदेखी :
यात्री वाहनों में सुरक्षा की अनदेखी हादसों का सबब बन रही है। क्षमता से अधिक वाहन ढ़ोये जाने के कारण हादसे की संभावना बनी रहती है। मुख्य रूप से ऑटो पर क्षमता से कई गुणा अधिक यात्रियों को बिठाया जाता है। जबकि बड़े वाहनों की छत पर भी सवारी ढ़ोये जा रहे हैं। मुख्य रूप से भागलपुर-पूर्णिया मार्ग, फलका से कटिहार मार्ग सहित अन्य मार्गों पर यही स्थिति बनी हुई है। लेकिन वाहनों की जांच के नाम पर महज दो पहिया वाहन चालकों को सुरक्षित यातायात का पाठ पढ़ाया जाता है और सवारी वाहन दुर्घटना का सबब बनते हैं। लेकिन इसकी रोकथाम को लेकर सकारात्मक पहल नहीं हो पा रही है।
मोटर वाहन अधिनियम का नहीं हो रहा पालन :
ओवलो¨डग पर सख्ती को लेकर बने कानून का सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है। ओवरलोड वाहनों के परिचालन पर जुर्मान एवं सजा का प्रावधान है, लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है। जबकि क्षमता से अधिक भार ढोने पर एमवी एक्ट के तहत जुर्माना का प्रावधान है। जबकि वाहनों की छत और बोनट पर यात्रा करने पर चालक एवं सवार दोनों पर कार्रवाई की जानी होती है। इसके लिए अलग अलग एक्ट के तहत प्रावधान किया गया है। लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो पा रहा है।