रविवार विशेष- सुर-ताल के बीच पली प्रिया शहर को दे रही नई धुन
फोटो- 17 केएटी- 1, 2 खास बातें- - सतत साधना से 150 से अधिक बच्चे व बच्चियों को शास्त्रीय नृ
फोटो- 17 केएटी- 1, 2
खास बातें-
- सतत साधना से 150 से अधिक बच्चे व बच्चियों को शास्त्रीय नृत्य व संगीत में कर चुकी है पारंगत
- मशहूर सितार वादक वीरेन सेन गुप्ता की नतनी प्रिया घोष चला रही अनोखा अभियान
- शास्त्रीय व लोक नृत्य-संगीत को बढ़ावा देना ही जीवन का लक्ष्य, परिवार भी दे रहा साथ
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प्रकाश वत्स, जासं, कटिहार: सुर-ताल के बीच पली-बढ़ी 38 वर्षीय प्रिया घोष गत दस वर्षों से शहर में एक अनूठा अभियान चला रही है। आधुनिकता की चकाचौंध के बीच वे बच्चों को शास्त्रीय व लोक नृत्य-संगीत में पारंगत करने की मुहिम चला रही है। उनके इस मुहिम ने रंग दिखाना भी शुरु कर दिया है और काफी तादाद में बच्चे उनके सानिध्य में नृत्य व संगीत में महारत हासिल कर रहे हैं। कई बच्चे उनसे मिली शिक्षा के दम पर आज दिल्ली जैसे शहर में जलवा बिखेर रहे हैं। अभी तक वे शहर के डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चे व बच्चियों को कत्थक नृत्य सहित अन्य शास्त्रीय व लोक नृत्य-संगीत में पारंगत बना चुकी है। नाना से मिली प्रेरणा, मौसी बनी गुरु
शहर के दुर्गास्थान एक नंबर कालोनी की रहने वाली प्रिया के नाना वीरेन सेन गुप्ता अपने जमाने के मशहूर सितार व बांसुरी वादक थे। शास्त्रीय गीत के गायन में भी उन्हें महारत हासिल था। उन्होंने अपनी विधा को समाज के बीच बांटने का निर्णय लिया और इस उद्?देश्य से राग व ध्वनि केन्द्र की स्थापना की। यह केन्द्र प्राचीन कला केन्द्र, चंडीगढ़ से संबंद्ध है। प्रिया को भी बचपन से ही नृत्य व संगीत से गहरी रुचि रही। नाना से वे काफी प्रभावित रही। बाद में नाना की शिष्या रही उनकी मौसी सुष्मिता गुप्ता व मौसा आशित कुमार ने प्रिया के अंदर छुपी प्रतिभा को निखारने का काम किया। आज कत्थक नृत्य में प्रिया निपुण मानी जाती है। इधर शादी के बाद प्रिया ने नाना के उस विरासत को जीवित रखने के लिए इस केन्द्र का संचालन अपने हाथों में लिया और हर वर्ग के बच्चे व बच्चियों को नृत्य व संगीत की शिक्षा देनी शुरु की। शहर के कार्यक्रमों में भी जलवा बिखेर रही प्रिया की शिष्याएं
गत दस वर्षों से इस केन्द्र का संचालन कर रही प्रिया के कई शिष्य व शिष्याएं आज महानगरों में अपना जलवा बिखेर रही है। छात्र राहुल कुमार शास्त्रीय व लोक नृत्य-संगीत की यहां मिली शिक्षा के बल दिल्ली के कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुके हैं। कई जगह वे पुरस्कृत भी हो चुके हैं। इसी तरह स्निग्धा गुप्ता, कृतिका ¨सहा, सोनल कुमारी, श्रेया पाल जैसी छात्राएं कई कार्यक्रमों में आकर्षण का केन्द्र बन चुकी है। शहर में आयोजित होने वाले प्रशासनिक कार्यक्रमों से लेकर अन्य कार्यक्रमों में भी इस केन्द्र की बच्चे व बच्चियां आकर्षण का केंद्र रहती है।