गंगा-कोसी संगम तट का निखर रहा रुप, श्रद्धालुओं की मिलेगी विशेष सुविधा
कटिहार। जिले के करसेला स्थित त्रिमुहानी गंगा-कोसी संगम तट का रूप अब निखरने लगा है। पर्यट
कटिहार। जिले के करसेला स्थित त्रिमुहानी गंगा-कोसी संगम तट का रूप अब निखरने लगा है। पर्यटन विभाग की ओर से कराए जा रहे तीन करोड़ से विकास कार्य अब मूर्त रुप लेने लगा है। इससे निकट भविष्य में श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिलेगी। बरारी विधायक नीरज कुमार के लगातार पर्यास से इसे पर्यटन केन्द्र के रुप में विकसित करने का कार्य चल रहा है। विधायक ने बताया कि त्रिमुहानी संगम तट जिले का सबसे बड़ा सांस्कृतिक व धार्मिक केन्द्र है। इसके विकास की मांग लंबे समय से होती रही थी। कुर्सेला स्थित त्रिमुहानी घाट को विकसित कर इसे पर्यटकों के लिए सुलभ कराया जाएगा। बता दें कि गंगा घाट से लोगों की असीम आस्था भी जुड़ी हुई है। विभिन्न धार्मिक आयोजन के दौरान यहां कोसी व सीमांचल से श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं।
एनएच 31 के किनारे स्थित यह संगम तट काफी आकर्षक है। यहां से गुजरने वाले लोगों को यह बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके विकास से यह क्षेत्र के लिए रोजगार सृजन में भी काफी लाभदायक होगा। सौदर्यीकरण कार्य के तहत संगम तट पर लगभग चार किलोमीटर के दायरे में सीढ़ी का निर्माण कराने के साथ ही कटाव निरोधी कार्य के लिए बोल्डर पीचिग का कार्य कराया जाना है। जबकि गंगा तट पर लगभग सात सौ मीटर के तट पर सौदर्यीकरण कार्य के साथ आधुनिक सुविधा मुहैया कराई जाएगी। पर्यटकों के लिए कई अन्य सुविधा देने की भी योजना तैयार की गई है। सौदर्यीकरण कार्य होने से क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह है। दुधिया रोशनी से जगमगाएगा संगम तट, होगा आकर्षक नजारा :
संगम तट को आकर्षक बनाने के लिए सोलर के माध्यम से रोशनी की व्यवस्था की जा रही है । जबकि छह करोड़ 51 लाख की लागत से कटरिया एनएच 31 से संगम तट तक पहुंचने के लिए संपर्क पथ व पुल निर्माण का कार्य होना है। इसकी आधारशिला बरारी विधायक नीरज कुमार द्वारा रखी जा चुकी है। इसके साथ ही यहां महिला एवं पुरूष के लिए 10-10 शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। गंगा तट पर विभिन्न अनुष्ठान को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सुविधा मिलेगी। पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित होने के बाद कुर्सेला संगम तट पर्यटन मानचित्र पर अपनी अलग पहचान रखेगा। बता दें कि उत्तर वाहिनी गंगा के इस संगम का धार्मिक महत्व भी है। कुर्सेला स्थित संगम तट पर महात्मा गांधी की अस्थि का विसर्जन भी किया गया था। इसको लेकर भी इसका विशेष महत्व है। यहां समाधि स्थल का भी निर्माण कराया जा रहा है। आने वाले समय में देश के अन्य संगम तट की तरह ही गंगा-कोसी संगम तट लोगों के लिए और आकर्षण का केन्द्र बनेगा।