भाव नहीं मिलने से मवेशी को गोभी खिला रहे किसान
कटिहार। एक तरफ गोभी के बेभाव होने से जहां इसे मवेशी को चारा के रुप में खिला रहे है
कटिहार। एक तरफ गोभी के बेभाव होने से जहां इसे मवेशी को चारा के रुप में खिला रहे हैं, वहीं आलू के गिरते बाजार भाव से अभी से आलू उत्पादक किसानों के हलक सूखने लगे हैं। गोभी का दो रुपये किलो भी लेवाल नहीं रहने से किसान मवेशियों को गोभी खिला रहे हैं। क्षेत्र के पशुपालक अपने मवेशियों के चारा के लिए एक रुपये की दर से गोभी खरीद रहे हैं। गोभी का ये हाल देख आलू की खेती करने वाले किसानों के हलक भी सूखने लगे हैं। आलू के कम भाव से जहां आम लोगों को राहत पहुंची है, वहीं इसके गिरते बाजार भाव को देख अभी से ही किसान फिक्रमंद हैं। बता दें कि कुछ दिन पूर्व आलू का खुदरा बाजार भाव 40 से 42 रुपए प्रतिकिलो था। फिलहाल खुदरा में दस से 15 रुपये प्रतिकिलो आलू बिकने लगे हैं। इसमें दिन प्रतिदिन गिरावट जारी है। किसान रामप्रीत सिंह, नुरुल होदा, जियाउल हक, पप्पू सिंह, रामपुकार सिंह, निशार अहमद आदि ने बताया कि 45 सौ से 55 सौ रुपया क्विंटल आलू का बीज लेकर बोआई की गई है। इस स्थिति में प्रति एकड़ 80 हजार से ज्यादा का लागत आया है। अभी क्षेत्र में आलू तैयार भी नही हुआ है और अभी से ही बाजार भाव छह से सात सौ रुपया क्विंटल हो गया है। अगर बाजार और गिरा तो ऐसे में खेती में की गई कुल खर्च तो दूर आलू के बीज तक का कीमत निकलना भी मुश्किल हो जाएगा। कोरोना महामारी और बरसात की वजह से वैसे ही करीब-करीब सभी फसलों में घाटा सहना पड़ा है। ऐसे में काफी पूंजी लगाकर किसान आलू पर भरोसा किया है। वर्तमान हालत उनकी व्यग्रता बढ़ा रही है।