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कदवा में कृषि विभाग की जमीन पर अतिक्रमण, अधिकारी मौन

कटिहार। कदवा में चिराग तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। कृषि विभाग के ई-किसान भवन के समीप सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर निजी उपयोग में लाया जा रहा है। बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों द्वारा जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 05:16 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 05:16 PM (IST)
कदवा में कृषि विभाग की जमीन 
पर अतिक्रमण, अधिकारी मौन
कदवा में कृषि विभाग की जमीन पर अतिक्रमण, अधिकारी मौन

कटिहार। कदवा में चिराग तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। कृषि विभाग के ई-किसान भवन के समीप सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर निजी उपयोग में लाया जा रहा है। बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों द्वारा जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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मिली जानकारी के मुताबिक, कुम्हरी में कृषि विभाग की जमीन का विभाग द्वारा पीलर व कंटीले तारों से घेराबंदी की गई है। कतिपय स्थानीय लोगों द्वारा घेराबंदी के भीतर भी जमीन का अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किया जा रहा है। प्रखंड मुख्यालय के समीप लगभग दो एकड़ जमीन उद्यान विभाग की है। उक्त जमीन की घेराबंदी भी विभागीय स्तर से की गई है, लेकिन गत एक दशक से उद्यान विभाग की जमीन अतिक्रमण का शिकार है।

25 एकड़ में फैला है कृषि फार्म

प्रखंड के कुम्हरी में लगभग 25 एकड़ के बड़े भूभाग पर कृषि फार्म है। फार्म में बाग बगीचा भी था। लगभग दो दशक पूर्व उक्त फार्म में चरवाहा विद्यालय भी खोला गया था। धीरे-धीरे वृक्षों की कटाई कर दी गई। फार्म के अंदर बना पटवन के लिए पक्का नाला का अस्तित्व समाप्त हो गया। चारों ओर जमीन अतिक्रमित कर लिया गया है। अतिक्रमण का दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। कुछ वर्ष पूर्व वहां घेराबंदी कर ई किसान भवन बनाकर कार्यालय संचालित का संचालन किया जा रहा है। लेकिन अतिक्रमित जमीन को खाली कराने की ओर कोई पहल नहीं की जा रही है।

क्या कहते पदाधिकारी:

इस संबंध में अंचलाधिकारी रविशंकर सिन्हा ने बताया कि कृषि विभाग के द्वारा जमीन अतिक्रमण किए जाने को लेकर कोई आवेदन नहीं दिया गया है। लिखित तौर पर आवेदन मिलने के बाद अतिक्रमित सरकारी जमीन को खाली कराए जाने को लेकर कार्रवाई की जाएगी।


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