ढूंढे नहीं मिल रही कंजिका
कटिहार। दशहरा के मौके पर कुंवारी कन्या को भोजन कराने का विशेष महत्व है। लोग अपनी अपन
कटिहार। दशहरा के मौके पर कुंवारी कन्या को भोजन कराने का विशेष महत्व है। लोग अपनी अपनी श्रद्धा के अुनसार नौ दिनों तक एक या दो कन्या को भोजन कराते है तो कोई नवदुर्गा का स्वरूप नवमी को नौ या ग्यारह कुंवारी कन्या को भोजन करा कर उन्हें शक्ति अनुसार विदाई देते हैं। इस वर्ष कोरोना संक्रमण का खतरा देखते हुए लोगो के लिए कन्या की टोली मिलना मुश्किल हो गया है। कोरोना संक्रमण को लेकर इस बार दशहरा का आयोजन सीमित किया गया है। लोग
कोरोना को लेकर खौफजदा भी रहते हैं। इस कारण नवमी पर कंजिकाओं की टोली को बुलाना भी मुश्किल हो रहा है। लोगों को खोजने से भी कुंवारी भोजन के लिए कन्या नही मिल रही है। क्या कहते हैं लोग : अमरेश कुमार, अमरेन्द्र झा, लौकिक कुमार, निशा देवी, धीरज झा आदि ने बताया कि उन लोगों के घर में वर्षो से कुंवारी को भोजन कराने की परांपरा है। गत वर्ष तक उन्हे कुंजिका खिलाने में परेशानी नही होती है। कुंजिका की टोली बड़ी आसानी से मिल जाया करती थी। इस वर्ष जिनके घर बच्ची है उन्हें दो से तीन दिन पूर्व कहने पर भी कोरोना संक्रमण के भय के कारण वे अपनी बच्चियों को कुंवारी भोजन के लिए भेजना नहीं चाह रहे हैं।