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कोरोना की दूसरी लहर से भी नहीं ली गई सीख

कटिहार। कोरोना के तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमदाबाद में पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 05:43 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 05:46 PM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर से भी नहीं ली गई सीख
कोरोना की दूसरी लहर से भी नहीं ली गई सीख

कटिहार। कोरोना के तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमदाबाद में पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है।

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पीएचसी में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को टोटा होने के कारण आम मरीजों को भी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर से लड़ाई की तैयारी का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। पीएचसी में आक्सीजन की भी पर्याप्त उपलब्धता नहीं है। हालांकि विभाग पर्याप्त आक्सीजन की उपलब्धता का दावा कर रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में भी डाक्टर की कमी और संसाधन के अभाव से जूझना पड़ा था। तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की संभावना जताई गई है। पीएचसी में शिशु रोग चिकित्सक तो दूर किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति तक नहीं है। पीएचसी में महज छह बेड उपलब्ध है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की कमी से संक्रमण से निपटने तथा संक्रमित मरीजों के समय पर इलाज का काम भी प्रभावित होगा। जर्जर भवन भी पीएचसी को बीमार बनाए हुए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं :

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन 200 से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक होती है, लेकिन पीएचसी में एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं है। महिला मरीजों को इलाज कराने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लंबे समय से चिकित्सकों की है कमी :

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लंबे समय से विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। चिकित्सकों की कमी के कारण गंभीर मरीज, दुर्घटना में जख्मी लोगों का इलाज भी आयुष चिकित्सक के भरोसे किया जाता है।

इमरजेंसी वार्ड का भवन भी जर्जर

इमरजेंसी वार्ड में भी मरीज गंभीर स्थिति में इलाज कराने पहुंचते हैं। इमरजेंसी वार्ड जर्जर हालत में है। वार्ड जर्जर हालत में होने के कारण हादसे की आशंका भी बनी रहती है। क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. शंकर दयाल सिंह ने बताया कि पीएचसी में कोरोना के तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए आक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है। स्वीकृत सात पद में केवल एक ही चिकित्सक नियुक्त है जबकि छह चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर है। इसमें दो आरबीएसके एवं दो आयुष चिकित्सक हैं।

दो लाख की आवादी के इलाज का दारोमदार

प्रखंड क्षेत्र की दो लाख की आबादी का दारोमदार पीएचसी पर है। चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों का कई पद रिक्त होने के कारण लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है।


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