अस्पताल में 11 पदों के विरूद्ध कार्यरत हैं मात्र चार चिकित्सक
संसू बरारी (कटिहार) बरारी प्रखंड में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र प्रशासनिक अव्यवस्था का शिकार हो गया है। यहां न तो पर्याप्त संख्या में चिकित्सक हैं और न ही स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल में कार्यरत है जबकि स्वास्थ्य विभाग ने यहां पूर्व से संचालित प्राथमिक स्वास्थ केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में अपग्रेड कर दिया है लेकिन आज तक यहां अलग से चिकित्सकों का ना तो पद सृजित हुआ और न ही अलग से प्रतिनियुक्ति की गई। स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विस्तार नहीं किया गया। अब इसे ही रेफरल अस्पताल में अपग्रेड कर दिया गया है। यहां चिकित्सकों के 11 पद में मात्र चार कार्यरत हैं। वहीं विशेषज्ञ एवं महिला चिकित्सकों का भी अभाव है।
संसू, बरारी (कटिहार): बरारी प्रखंड में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र प्रशासनिक अव्यवस्था का शिकार हो गया है। यहां न तो पर्याप्त संख्या में चिकित्सक हैं और न ही स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल में कार्यरत है जबकि स्वास्थ्य विभाग ने यहां पूर्व से संचालित प्राथमिक स्वास्थ केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में अपग्रेड कर दिया है, लेकिन आज तक यहां अलग से चिकित्सकों का ना तो पद सृजित हुआ और न ही अलग से प्रतिनियुक्ति की गई। स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विस्तार नहीं किया गया। अब इसे ही रेफरल अस्पताल में अपग्रेड कर दिया गया है। यहां चिकित्सकों के 11 पद में मात्र चार कार्यरत हैं। वहीं विशेषज्ञ एवं महिला चिकित्सकों का भी अभाव है।
स्वास्थ्य सेवा की बेहतरी के लिए बरारी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में अपग्रेड कर दिया गया था जिसके नवनिर्मित भवन का उद्घाटन गत दो वर्ष पूर्व पूरे तामझाम के साथ किया गया था। इससे क्षेत्रवासियों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा को लेकर आस जगी थी लेकिन इसमें अलग से चिकित्सक एवं कर्मियों की प्रतिनियुक्ति सहित अत्याधुनिक चिकित्सीय उपकरण के नहीं होने से यह महज हाथी दांत साबित होता रहा। इधर स्थिति यह उत्पन्न हो गई है कि यहां से महज कुछ दूरी पर अवस्थित रेफरल अस्पताल के जर्जर भवन और किसी बड़े संभावित हादसा को देखते हुए इसको भी यहां शिफ्ट कर अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को ही रेफरल के नाम से अपग्रेड कर दिया गया है जिसमें ओपीडी सहित इमरजेंसी की सेवाएं दी जा रही है।
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पांच प्रखंड के चार लाख की आबादी का है दारोमदार
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इस रेफरल सह सीएचसी पर बरारी सहित समेली, कुर्सेला, फलका, कोढ़ा के करीब चार लाख की आबादी के चिकित्सीय दारोमदार का जिम्मा है। यहां प्रतिदिन करीब तीन से चार सौ मरीजों का स्वास्थ्य जांच कर उन्हें आवश्यक दवाई मुहैया कराई जाती है।
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चिकित्सक और कर्मियों की है कमी
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रेफरल अस्पताल में रिक्त चार चिकित्सक के विरूद्व महज एक चिकित्सक डा. उदयन कुमार प्रतिनियुक्त हैं जबकि सीएचसी में चिकित्सक और कर्मियों की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है। वहीं इसमें मर्ज पीएचसी में सात चिकित्सक के विरूद्व महज तीन चिकित्सक ही काबिज हैं जिसमें एक एमबीबीएस चिकित्सक डा. मुशर्रफ सहित एक आयुष और एक कोविड चिकित्सक शामिल हैं।
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गंभीर मरीज होते हैं रेफर
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अस्पताल में एक्सरे के अलावा अत्याधुनिक चिकित्सीय उपकरणों की कमी और विशेषज्ञ महिला-पुरूष चिकित्सक के नहीं रहने से गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों सहित प्रसूता को रेफर कर दिया जाता है। लंबे अर्से से 30 शैय्या वाले रेफरल अस्पताल बरारी के दो मंजिला जर्जर भवन से बारिश के पानी के रिसाव एवं संभावित हादसा को देखते हुए इसके मरम्मत अथवा नवनिर्माण की मांग विधानसभा में गूंज उठी है। पूर्व विधायक नीरज कुमार कहते हैं सरकारी दस्तावेज में यह फाईल दब गई है।
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क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकरी
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बरारी के प्रभारी चिकित्सा पदाघिकारी डा. मुशर्रफ हुसैन कहते हैं कि सीमित संसाधनों के बीच लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के प्रति विभाग सजग है। विभिन्न पालियों में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियो की प्रतिनियुक्ति की जाती है। आवश्यक दवा एवं एंबूलेंस आदि की उपलब्धता है। रेफरल अस्पताल भवन मे बारिश में रिसाव एवं कई जगहों पर दरकने की स्थिति से फिलहाल उसे स्थानांतरित कर सीएचसी में शिफ्ट कर दिया गया है। इसको फिलहाल रेफरल मे अपग्रेड कर दिया गया है।
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क्या कहते हैं मरीज
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अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज ललिता यादव, विभा कुमारी, अनूप लाल, किशोर रजक आदि बताते हैं कि रेफरल अस्पताल के शिफ्ट हो जाने से यहां आने-जाने में परेशानी होती है। मरीजों का सामान्य इलाज तो हो जाता है, लेकिन गंभीर मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद यहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। यहां जटिल प्रसव की भी सुविधा नहीं है।