भरसिया में मरीज खाट पर अस्पताल तो पगडंडी से स्कूल जाते हैं मासूम
कटिहार। एक ओर विकास का दावा किया जा रहा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी आबादी आज भ
कटिहार। एक ओर विकास का दावा किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी आबादी आज भी मूलभूत सुविधाओं से महरुम है। फलका प्रखंड मुख्यालय से महज छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित भरसिया पंचायत की बड़ी आबादी आजतक विकास को तरस रही है। यहां आज भी मरीजों को खाट पर टांगकर अस्पताल ले जाया जाता है, जबकि विद्यालय पहुंचने के लिए बच्चे पगडंडी का सहारा लेते हैं। विकास के दावो से यह गांव आज भी अछूता है। गांव में पक्की सड़क से लेकर पेयजल, बिजली व शौचालय की मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो पाई है। पंचायत के वार्ड संख्या एक रमनाकोल आदिवासी टोला, वार्ड दो बंकुटोला गांव आजतक मुख्य सड़क से नहीं जुड़ पाया है। आवागमन के लिए लोग पगडंडी का सहारा ले रहे हैं।
विकास से कोसो दूर इन गांव की तस्वीर बदलने की वकालत तो लंबे समय से हो रही है। खासकर चुनावी मौसम में इनकी पीड़ा दूर करने वालों की लंबी फौज तैयार रहती है, लेकिन चुनाव के बाद ग्रामीणों के दर्द को अनसूना कर दिया जाता है। गांव के बच्चे तीन किलोमीटर पैदल चलकर गरियामा गांव स्थित विद्यालय पहुंचते हैं। जबकि बंकूटोला गांव में बरसात के दिनों में तीन माह लोग खानाबदोश की जिदगी जीते हैं। ग्रामीणों को बाढ़ व बरसात के दौरान निसुन्दरा पुल या गरियामा स्कूल में शरण लेना पड़ता है। यह स्थिति नई नहीं बल्कि वर्षों से ग्रामीण इस समस्या को झेल रहे हैं, लेकिन उनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं। इसके कारण ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ गया है।
आश्वासन से बिदक जाते हैं ग्रामीण :
चुनावी मौसम में ग्रामीणों की पीड़ा दूर करने का आश्वासन मिल रहा है। लेकिन आश्वासन सुनकर ही ग्रामीण बिदक जाते हैं। लंबे समय से आश्वासन का घूट पीकर लोग ऊब चुके हैं। आलम यह है कि बीमार मरीजों को खाट पर टांगकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। इसके साथ ही राजधानी, मोहम्मद नगर, कोलवा, समोधा आदि गांव की भी कमोबेश यही स्थिति है।
बरसात में डेंगी नाव ही बनता है सहारा :
बरसात के मौसम में बरंडी नदी के उफान पर रहने के कारण ग्रामीणों के आवागमन का डेंगी नाव ही सहारा बनता है। कर्बला घाट के समीप पुल निर्माण की मांग आजतक पूरी नहीं हो पाई है। जबकि नहर में पानी नही रहने के कारण किसानों की समस्या का निदान नहीं हो पाया है। ग्रामीण अबकी समस्या को हथियार बनाकर नेताजी को घेरने की तैयारी कर रहे हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण :
बंकूटोला के भुनेश्वर मुंडा, गरदा देवी, बैजू मुंडा, दुखी दास, रामलाल मुंडा आदि ने कहा कि विकास की आस में कई पीढ़ी गुजर चुकी है। लेकिन नेताजी का वादा पूरा नहीं हो पाया है। चुनाव के बाद तो उनके दर्शन भी मुश्किल से होते हैं। समस्या को लेकर वे हर चौखट लांघ चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का निदान नहीं हो पाया है।
भरसिया पंचायत की झलक
प्रखंड - फलका
पंचायत - भरसिया
वार्ड की संख्या - 13
कुल मतदाता - 7034
पुरुष - 3631
महिला - 3403