विश्व मृदा दिवस पर किसानों ने सीखा मृदा कार्ड की विशेषता का महत्व
कटिहार। विश्व मृदा दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का
कटिहार। विश्व मृदा दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डा. रीता सिंह ने किया। कार्यक्रम के माध्यम से 52 किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया। इस मौके पर लगभग 105 किसानों ने अपनी सहभागिता दी। इस दौरान किसानों को मृदा कार्ड की विशेषता और इसके महत्व की विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों को संबोधित करते हुए वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान ने किसानों को मिट्टी जांच की उपयोगिता और इसके अनुरुप फसल व उर्वरक के प्रयोग की जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक डा. सुशील कुमार ने मृदा की महत्ता पर प्रकाश डाला एवं स्वास्थ्य कार्ड के अनुरूप उर्वरक डालने की सलाह दी। पंकज कुमार ने फसल अवशेष प्रबंधन के द्वारा मृदा स्वास्थ्य में वृद्धि पर विस्तृत चर्चा की। डा. रामाकांत सिंह मृदा वैज्ञानिक ने मृदा जांच का महत्व एवं पोषक तत्वों के प्रबंधन विषय पर जानकारी दी। कार्यक्रम के माध्यम से कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिग से किसानों के साथ वार्ता की। साथ ही किसानों की समस्या व इसके निदान को लेकर पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान किसानों को पराली जलाने के बदले इसके समुचित उपयोग और प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही इसका उपयोग मशरूम उत्पादन के लिए करने की सलाह दी गई। इसके प्रबंधन हेतु हैपी सीडर का प्रयोग करने की जानकारी देते हुए हैपी सीडर मशीन के द्वारा सीधे गेहूं की बुआई का प्रदर्शन किसानों को दिखाया गया। इस दौरान किसानों को मशीन से ही धान के बाद गेहूं लगाने की बात कही। डा. रीता सिंह ने बताया के अगर कोई किसान हैपी सीडर से गेहूं लगाना चाहता है तो वह कृषि विज्ञान केंद्र से सहयोग ले सकता है। इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र की डा. स्वीटी कुमारी, स्वर्ण प्रभा रेड्डी, अमरेंद्र कुमार विकास, मुकेश कुमार, ओम प्रकाश भारती सहित कर्मी व किसान मौजूद रहे।