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    कटिहार में ई-शिक्षाकोष में अनुपस्थित रहने वाले 142 शिक्षकों से स्पष्टीकरण, 24 घंटे के अंदर जवाब देने का निर्देश

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 08:43 AM (IST)

    प्राणपुर में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर 142 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए, जिनसे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनीषा कुमारी ने स्पष्टीकरण मांगा है। उन्हें 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। निरीक्षण में 27 नवंबर को शिक्षकों की अनुपस्थिति दर्ज की गई। संतोषजनक जवाब न मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    संवाद सूत्र, प्राणपुर (कटिहार)। प्राणपुर में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अनुपस्थित पाए गए कुल 142 शिक्षकों से बीडीओ सह प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनीषा कुमारी ने स्पष्टीकरण मांगा है।

    24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण समर्पित डेडलाइन दिया है। बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा पोर्टल पर लोड हो रहे डाटा का औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें देखा गया कि 27 नवंबर को कुल 142 शिक्षकों द्वारा पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं किए गए थे।

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    जिससे यह पता चलता है कि वे स्कूल में अनुपस्थित थे। बीईओ ने इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए सभी से स्पष्टीकरण किया है। उन्होंने कहा कि जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

    उच्च शिक्षा तभी प्रभावी बनती, जब उसके साथ व्यवहारिक कौशल जुड़ा हो

    वहीं, दूसरी ओर भागलपुर बिहार के अग्रणी कौशल प्रशिक्षण केंद्र क्रियेशन की ओर से मारवाड़ी महाविद्यालय में सोमवार को युवा संवाद-कौशल कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय कुमार झा के संरक्षण और क्रियेशन के संचालक कुणाल कुमार नटवर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को कौशल जागरूकता, करियर परामर्श और उद्योग आधारित दक्षताओं से जोड़ना था।

    कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शंभुनाथ सुधाकर, उप निदेशक, श्रम संसाधन विभाग एवं अवर प्रादेशिक नियोजनालय, भागलपुर उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि आज का युग कौशल आधारित शिक्षा का है और सिर्फ डिग्री से आगे बढ़कर दक्षता ही रोजगार का भविष्य तय करेगी। उन्होंने युवाओं को राज्य सरकार की योजनाओं, प्रशिक्षण प्रक्रियाओं और कौशल प्रमाणन व्यवस्था के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।

    प्राचार्य संजय कुमार झा ने कहा कि उच्च शिक्षा तभी प्रभावी बनती है जब उसके साथ व्यवहारिक कौशल जुड़ा हो। उन्होंने छात्रों को समय पर करियर परामर्श प्राप्त कर आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वहीं, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ निदेशक डॉ. एके दत्ता ने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक दौर में उद्योगों की मांग के अनुरूप कौशल विकास अनिवार्य हो गया है। संचार कौशल, डिजिटल दक्षता और व्यवहारिक प्रशिक्षण को शिक्षा से जोड़ना समय की जरूरत है।

    इस अवसर पर इकोनॉमिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष अमित मिश्रा और क्रियेशन के डायरेक्टर कुणाल कुमार नटवर सहित कई शिक्षाविद उपस्थित रहे। नटवर ने कहा कि कौशल आज युवा पीढ़ी की सबसे बड़ी पूंजी है और उचित प्रशिक्षण से बिहार के युवा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।