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पौधे के सहारे युवाओं को मिल रहा संबल

जागरण सरोकार- पेज तीन---- फोटो -15 केएटी- 13 खास बातें.. - शिक्षित बेरोजगार युवाओं

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 11:42 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 11:42 PM (IST)
पौधे के सहारे युवाओं को मिल रहा संबल
पौधे के सहारे युवाओं को मिल रहा संबल

जागरण सरोकार- पेज तीन----

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फोटो -15 केएटी- 13

खास बातें..

- शिक्षित बेरोजगार युवाओं को नर्सरी प्रबंधन के तहत रोजगार से जोड़ने की हुई कवायद

- कौशल विकास के तहत नर्सरी प्रबंधन का युवाओं को दिया गया प्रशिक्षण ----------------

कोट -

केवीके कटिहार द्वारा 30 युवाओं को गार्डेनर का प्रशिक्षण दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को इसके तहत स्वरोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही है। कई युवा नर्सरी की तैयारी कर रहे हैं। इसकी मॉनिट¨रग की जा रही है। नर्सरी में तैयार पौधे के लिए बाजार उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें आर्थिक सहायता दिलाने की कवायद की जाएगी।

डा. रामाकांत ¨सह, कृषि वैज्ञानिक, केवीके, कटिहार।

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नंदन कुमार झा, जासं, कटिहार : बढ़ रही बेरोजगारी के बीच नर्सरी प्रबंधन युवाओं के लिए रोजगार का बेहतर माध्यम बन रहा है। कम लागत में शुरू होने वाले इस रोजगार के माध्यम से युवा बेहतर आमदनी कर सकते हैं। इसको लेकर पहल की जा रही है। पर्यावरण बचाने के मुहिम के साथ इसे रोजगार सृजन का माध्यम बनाने की कवायद की जा रही है। इसको लेकर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा 30 युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके बाद कई युवा नर्सरी भी तैयार कर रहे हैं। जबकि नर्सरी प्रबंधन के तहत युवा खुद पौधे तैयार कर उनकी बिक्री कर रहे हैं। नर्सरी में फलों के साथ फूल और औषधीय पौधे उगाकर इसकी बिक्री की जा रही है। नर्सरी संचालन ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए बेहतर विकल्प बन रहा है। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें नर्सरी संचालन के साथ ही विभिन्न प्रकार के पौधे तैयार करने एवं उसके रख-रखाव के साथ उनकी बिक्री और संरक्षण को लेकर तैयार किया गया है। 50 हजार की लगात से छोटी नर्सरी तैयार करने वाले युवा इससे दो से ढ़ाई लाख तक की सालाना आमदनी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है।

स्वरोजगार का बेहतर विकल्प बन रहा नर्सरी प्रबंधन :

जिले के कई युवा नर्सरी का संचालन कर बेहतर आमदनी कमा रहे हैं। नर्सरी में फूल के पौधे सहित फल व औषधीय पौधे तैयार कर इसकी बिक्री बाजार में की जाती है। मुख्य रूप से दिसंबर से लेकर फरवरी तक फूल के पौधे की विशेष डिमांड होती है। विभिन्न प्रजाति के फूलों की डिमांड होने से इसकी खूब बिक्री हो रही है। इसके साथ ही सरकारी स्तर पर भी पौधरोपण के लिए इनसे पौधे की खरीद की जाती है। प्रशिक्षण के बाद श्रीषिकांत ¨सह, ब्रह्मदेव मंडल आदि ने नर्सरी की शुरूआत की है। चिलमारा निवासी विनोद कुमार वर्षों से नर्सरी का संचालन कर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। इससे प्रेरित होकर अन्य युवा भी पौधा तैयार करने का प्रशिक्षण लेकर इससे जुड़ रहे हैं। नर्सरी प्रबंधन एवं रोजगार के लिए उद्यान विभाग द्वारा भी योजनाओं का क्रियान्वयन कर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है।


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