निर्माण के बाद विकास के इंतजार में है तालाब
संवाद सहयोगी,भभुआ: प्रखंड के सीवों गांव के पूरब स्थित पोखरा की हालात काफी खराब है। इस तालाब की हा
संवाद सहयोगी,भभुआ: प्रखंड के सीवों गांव के पूरब स्थित पोखरा की हालात काफी खराब है। इस तालाब की हालात काफी दयनीय है। इस तालाब का ¨पड भी टूटा है। तालाब का निर्माण करीब सौ वर्ष पूर्व ही कराया गया था। लेकिन इस तालाब की तरफ ध्यान नहीं देने से इसका अस्तित्व भी समाप्त होने के कगार पर है। कुछ लोगों के द्वारा तालाब के जमीन पर अतिक्रमण भी किया गया है। तालाब के ¨पड पर पशु बांधे जा रहे हैं। जिससे तालाब का ¨पड खराब हो रहा है। रख रखाव नहीं होने से अभी तक तालाब का समुचित विकास नहीं हो सका। लोगों का कहना है की विभाग द्वारा तालाब का रख रखाव नहीं किया जा रहा है। जहां तहां तालाब का ¨पड भी टूट गया है। वहीं तालाब का पानी लोग निजी स्वार्थ में बहा देते हैं। कुछ लोग तो इस तालाब के पानी से गेहूं की ¨सचाई कर दिए थे तो कुछ लोग सब्जी की खेती में पानी का उपयोग कर दिए। जिससे वर्तमान में तालाब पूरी तरह से सूख गया है। तालाब के सूख जाने से मवेशियों को दूर ले जाकर पानी पिलाना पड़ता है। बता दें की सीवों गांव में करीब दस तालाब खोदे गए हैं। जिसमें से पांच निजी व पांच सार्वजनिक हैं। वहीं निजी तालाबों में मछली पालन के उद्देश्य से पानी भरा गया है और सार्वजनिक तालाब में पानी नहीं है। जब किसी पर्व या त्योहार पर लोगों को तालाब के पानी की जरूरत होती है तो इसका सौंदर्यीकरण कराया जाता है। खास कर छठ के मौके पर काफी जोरशोर से लोग तालाब की सफाई कराते हैं। लेकिन अन्य दिनों में तालाब के सौंदर्यीकरण या विकास की तरफ नहीं सोचते। जिससे इसका अस्तित्व अब समाप्त होने के कगार पर है। पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा भी कोई तालाब के संरक्षण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इस संबंध में प्रभारी बीडीओ प्रदीप कुमार झा ने बताया कि तालाब के संरक्षण के लिए अभियान चलाया जाएगा। पंचायत प्रतिनिधि से तालाब की सफाई के बारे में बात की जाएगी।