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मौसम ने दी लोगों को राहत, किसानों में खुशी

जिले में बीते चार दिन तक लगातार हुई बारिश ने जिले के लोगों को परेशान कर दिया था। लगातार बारिश से जिले का लगभग हर प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 11:52 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 11:53 PM (IST)
मौसम ने दी लोगों को राहत, किसानों में खुशी
मौसम ने दी लोगों को राहत, किसानों में खुशी

जिले में बीते चार दिन तक लगातार हुई बारिश ने जिले के लोगों को परेशान कर दिया था। लगातार बारिश से जिले का लगभग हर प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गया था। खास कर रामगढ़ व नुआंव प्रखंड सबसे अधिक बाढ़ की चपेट में था। इससे शहर से लेकर गांव तक के लोग त्रस्त थे। सभी कार्य, व्यवसाय आदि प्रभावित हो गए थे। लेकिन सोमवार से मौसम सामान्य हुआ है और मंगलवार को धूप भी निकला। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। इसके साथ ही किसानों में भी खुशी देखी जा रही है।

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जिले के किसानों ने बताया कि बारिश से जो गांव नीचले हिस्से में हैं उन गांवों में बारिश का पानी अधिक पहुंच गया था। इससे वहां की फसलों में पानी अधिक लग गया। लेकिन धान की फसल कहीं-कहीं डूबी है। उसमें भी यदि मौसम जिस तरीके से सामान्य हुआ है उससे ऐसा लग रहा है कि फसल में पानी एक-दो दिन से अधिक ठहर नहीं पाएगा। ऐसे में धान की फसल को कोई ज्यादा नुकसान नहीं है। लेकिन रामगढ़ व नुआंव प्रखंड के किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इस प्रखंड से होकर गुजरी नदियों का पानी कई गांवों में घुस गया। इसके चलते रामगढ़ प्रखंड में लगी सब्जी की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। साथ ही धान की फसल में भी काफी पानी लग जाने से बर्बादी हुई है। इन प्रखंडों में बाढ़ का पानी अधिक देर तक रहने का कारण है कि यहां मूसाखाड़ बांध से भी पानी छोड़ दिया गया। इससे नदियों का जलस्तर काफी तेज बढ़ा और पानी कई गांवों और सड़कों पर चलने लगा। अब जब तक नदियों का जल स्तर नीचे नहीं होगा तब तक बाढ़ का पानी गांवों में रहेगा। ऐसे में धान की फसल को नुकसान होना तय है। इन दोनों प्रखंडों के अलावा शेष सभी प्रखंडों में धान की फसल को लाभ ही हुआ है। किसानों को पितृपक्ष जैसे समय में सिचाई के लिए नहीं चितित होना पड़ा, ऐसी लगभग चार-पांच वर्षों के बाद स्थिति हुई है। नहीं तो खेतीबाडी में यह प्रत्येक वर्ष देखा जाता है कि पितृपक्ष शुरू होते ही खेतों में मोटर व डीजल दिन रात चलते रहते हैं। कड़ी धूप व आसमान से एक बूंद पानी नहीं होने पर किसानों को धान की फसल बचाने के लिए काफी फजीहत झेलनी पड़ती है। लेकिन इस बार किसानों को काफी राहत मिली है।


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