जैविक खेती को किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण
राज्य सरकार के जल जीवन हरियाली मिशन के तहत सभी जल स्त्रोतों को संरक्षित किया जाएगा। साथ ही वर्षा के जल को संचय करने के लिए भी वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को अमल में लाने की कवायद प्रारंभ की गई है। ताकि लोग आने वाले समय में पानी के संकट से परेशान नहीं हो।
राज्य सरकार के जल जीवन हरियाली मिशन के तहत सभी जल स्त्रोतों को संरक्षित किया जाएगा। साथ ही वर्षा के जल को संचय करने के लिए भी वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को अमल में लाने की कवायद प्रारंभ की गई है। ताकि लोग आने वाले समय में पानी के संकट से परेशान नहीं हो। जल जीवन हरियाली मिशन के तहत विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। कृषि विभाग भी इस मिशन के तहत अपने स्तर से कवायद शुरू कर चुका है। अब विभाग किसानों को जल जीवन हरियाली के तहत प्रशिक्षित करेगा।
मिली जानकारी के अनुसार किसानों को कम पानी में अधिक उत्पादकता देने वाली फसलों की जानकारी व जैविक खेती करने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसको ले पंचायत स्तर पर जागरूकता के क्रम में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ललिता प्रसाद ने बताया कि जल जीवन हरियाली मिशन के अंतर्गत कृषि विभाग पंचायत स्तर पर कार्यशाला आयोजित करेगा। जिसमें जैविक खेती को लेकर किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कम पानी की लागत में अधिक उत्पादित होने वाली फसलों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही जल संरक्षण पर भी किसानों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में आगामी दो अक्टूबर से जल जीवन हरियाली कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। कार्यक्रम के शुभारंभ होने के बाद जिले में कृषि विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में 10 वैज्ञानिकों के साथ साथ कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रगतिशील किसानों को भी आमंत्रित किया जाएगा।