हर दिन आरओ से बर्बाद हो रहा हजारों लीटर पानी
संवाद सहयोगी, भभुआ: आधुनिक समय व शहरी जीवन की चकाचौंध में सैकड़ों लीटर पानी बर्बाद
संवाद सहयोगी, भभुआ: आधुनिक समय व शहरी जीवन की चकाचौंध में सैकड़ों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। वहीं शहरी क्षेत्रों के कुछ बुद्धीजीवी कहे जाने वाले लोगों को आराम के नाम पर वा¨शग मशीन में कपड़ा धोने की लगी लत से बड़े पैमाने पर पानी बर्बाद हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक भभुआ नगर में करीब एक दर्जन से अधिक वाटर प्लांट लगाए गए हैं। जिससे तकरीबन कई हजार लीटर पानी हर दिन बर्बाद होता है। वहीं इसके अलावा कई घरों में पानी को शुद्ध करने के नाम पर आरओ लगाया गया है। जिससे हर दिन पानी को शुद्ध करने के समय पानी बर्बाद होता है। नगर के अनुमान के मुताबिक करीब पांच सौ घरों में आरओ लगाया गया है। इसके अलावा नगर में लगभग दो सौ घरों में वा¨शग मशीन भी है। जिससे हजारों लीटर पानी बर्बाद होता है। वहीं कुछ बुद्धिजीवी का कहना है की आरओ व वा¨शग मशीन से पानी जितना का खपत होता है उससे ज्यादा पानी बर्बाद हो जाता है। लोगों की माने तो पानी को बर्बादी से नहीं रोका गया तो भविष्य में स्थिति काफी भयावह होगा। लेकिन पानी को शुद्ध करने में करीब सैकड़ों लीटर पानी बर्बाद होना पड़ रहा है।
बीते दिनों हुई थी पेयजल की समस्या: जिले के विभिन्न प्रखंड़ों के अलावा कई गांवों में बीते दिनों पानी की समस्या उत्पन्न हुई थी। जहां पीएचईडी विभाग के द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा था। लेकिन फिर भी पेयजल की आपूर्ति हर जगह पर नहीं हो पा रहा था। लगातार पानी के दोहन करने से जलस्तर पानी नीचे चल गया था। वहीं वाटर प्लांट वालों की चांदी कट रही थी। शहर के अलावा अब वाटर प्लांट वाले ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की सप्लाई करने लगे हैं।
पानी की बर्बादी पर किसी का नहीं ध्यान: हर दिन आरओ व वा¨शग मशीन आदि के कई यंत्रों से हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। लेकिन इस बात पर किसी का ध्यान नहीं जाता। पानी के दोहन से लगातार जलस्तर नीचे की ओर खिसकता जा रहा है। इसके अलावा वाटर प्लांट से भी हर दिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। इसके अलावा घरों में भी लोग मोटर व नल खोल कर छोड़ देते है। जिससे पानी की बर्बादी होती है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी: इस संबंध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया की पानी बर्बादी के लिए लोगों को समझाने का काम किया जाएगा। जिससे पानी को बचाया जा सकेगा। अगर कोई सुधारात्मक कार्यवाही नहीं होती है तो वैसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।