सदर अस्पताल में शो पीस बनी अल्ट्रासाउंड मशीन
जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में आने वाले रोगियों को निश्शुल्क मिलने वाली अल्ट्रासाउंड सेवा आठ महीने से ठप पड़ी है।
जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में आने वाले रोगियों को निश्शुल्क मिलने वाली अल्ट्रासाउंड सेवा आठ महीने से ठप पड़ी है। दो सप्ताह पूर्व सदर अस्पताल पहुंची अल्ट्रासाउंड मशीन के तकनीकी कारणों से शुरू न होने से इलाज कराने आए रोगियों को उक्त सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सदर अस्पताल में विभिन्न प्रखंडों से इलाज कराने पहुंचे रोगियों को निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाने वाली उक्त सुविधा सरकार व कार्यदायी एजेंसी के बीच एग्रीमेंट खत्म होने से बीते वर्ष अप्रैल माह में ही ठप हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के प्रयास से जून माह तक सुविधा उपलब्ध होने के बाद पुन: ठप हो गई।
इस अव्यवस्था की सर्वाधिक शिकार अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाएं होने लगी। यहां तक की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम के अंतर्गत प्रसव पूर्व होने वाली जांच भी प्रभावित होने लगी। इसके चलते संपन्न लोग तो बाहर से ज्यादा पैसा खर्च कर जांच कराने लगे, लेकिन गरीब परिवार के लोग बिना जांच कराए ही इलाज कराने को विवश होने लगे। लगातार अखबारों में उक्त समस्या के प्रकाशित होने व जिला स्वास्थ्य प्रशासन के पत्राचार के चलते सरकार ने सदर अस्पताल को एक छोटी अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध करा दिया। कुछ दिन तक मशीन गोदाम की शोभा बढ़ाती रही। बाद में महिला चिकित्सक के कक्ष में उसे लगा दिया गया, लेकिन तकनीकी कारणों से मशीन के शुरू न होने से इसका लाभ रोगियों को नहीं मिल पा रहा है। मशीन मात्र शो पीस बनकर रह गई है। क्या कहते है अधिकारी-
बीते सप्ताह आए इंजीनियर ने मशीन की जांच की है। इसे क्रियाशील करने के लिए कुछ उपकरण को लेकर उन्हें पुन: बुलाया गया है। उनके आते ही सेवा शुरू हो जाएगी। प्रथम चरण में यह सुविधा महिला रोगियों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी।
-डॉ. विनोद कुमार सिह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल